साहित्य

उस गाव में एक फ़क़ीर आया, महामूर्ख ने उस फ़क़ीर के चरण पकड़े और कहा….

Apna mohalla-अपना मोहल्ला =========== एक गांव में एक महामूर्ख था। वह बहुत परेशान था, क्योंकि वह कुछ भी कहता लोग हंस देते; लोग उसको महामूर्ख मान ही लिये थे। वह कभी ठीक भी बात कहता तो भी लोग हंस देते। वह सिकुड़ा सिकुड़ा जीता था, बोलता तक नहीं था। न बोले तो लोग हंसते थे, […]

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ज़िंदगी को सदा आज़माते रहो : डा. रश्मि दुबे की रचनायें पढ़िये

डा. रश्मि दुबे Writer Rdubeyorai@gmail.com =========== स्नेहिल प्रभात वंदन सभी को। ईश्वर कृपा बनाये रखें। 🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂 212 212 212 212 🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂 तर्ज़- तुम अगर साथ देने का वादा करो 🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂 हाल कैसा भी हो गुनगुनाते रहो जिंदगी को सदा आज़माते रहो साथ छोड़ो कभी ना किसी दोस्त का तुम मुहब्बत के दीपक जलाते रहो काम […]

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हम सत्य हैं, हम नित्य हैं और आनंद स्बरूप हैं इस बात का बोध होना ही ‘ध्यान’ है : लक्ष्मी सिन्हा का लेख पढ़िये

Laxmi Sinha ============== हम सत्य हैं, हम नित्य हैं और आनंद स्बरूप हैं इस बात का बोध होना ही ‘ध्यान’ है ______________________ जब चेतना का प्रकाश किसी भी परिस्थिति से प्रभावित नहीं होता तथा चेतना सदा आनंद में रहने लगती है,तब मनुष्य उस द्वार में प्रवेश कर जाता है,जहां ‘मैं’से परिचय होती है, यही ‘ध्यान’ […]

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जन्म देने वाली माता की वंदना : देव राज बंसल के भजन पढ़िये!

Dev Raj Bansal Hyderabad From Kasauli ============== प्रभु को अर्जी भेज रहा प्रभु अर्जी मैं तुमको कहीं ना इसे दबा लेना स्वयं पढ़ने का समय ना हो किसी से इसे पढवा लेना धरती को तुमने क्या दिया बार-बार लेकर अवतार तब भी थी यह लाल हुई अब भी वह खून की धार जब तुम गए […]

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चुप रहा, कुछ ना कहा, तो क्या?…यह भी एक प्यार का इज़हार है—-पूर्व जज, दिनेश कुमार शर्मा की कविता!

Dinesh Kumar Sharma Former District Judge Patna, India ======== मित्रों, नमस्कार। काव्य-रचना, एक खास अंदाज़ में, अहसासों की संवाहिका है। उसमें, भाव-पक्ष के अतिरिक्त, विचार-पक्ष भी हो सकते हैं। विचारों से असहमति हो सकती है– स्वाभाविक है।किंतु, तब भी प्रस्तुति के स्तर पर कविता का आनंद हम उठा सकते हैं। अभी-अभी एक कविता (ग़ज़ल) अवतरित […]

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ख़बरदार जो तुने इधर क़दम भी रखा तो…

Rimpy Sharma ============ · *सुबह सुबह मिया बीवी के झगड़ा हो गया,* बीवी गुस्से मे बोली – बस, बहुत कर लिया बरदाश्त, अब एक मिनट भी तुम्हारे साथ नही रह सकती। *पति भी गुस्से मे था, बोला “मैं भी तुम्हे झेलते झेलते तंग आ चुका हुं।* पति गुस्से मे ही दफ्तर चले गया पत्नी ने […]

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मेँ वह उम्मीदवार नही…..By-मसरूर अहमद ख़ादिम

मसरूर अहमद ख़ादिम ================ · मे वह उम्मीदवार नही जो आप की उम्मीदो पर वार करू बल्कि वह उम्मीदवार हू जो आप की उम्मीदे है उन को पूरा करने मे सहयोगी बनू मगर नहटौर मे पैसा ओर बिरादरी के नाम पर जो खेल खेला जा रहा है उस से मे तक मुतास्सिर हू मुझे डम्मी […]

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हमारे #सीरियलों में #खलनायिका सीधे पल्ले की लाल साड़ी पहनती है….बड़ी बिंदी और ISI को मात करते बहु के षड्यंत्रों की श्रृंखला….

Apna mohalla-अपना मोहल्ला ============== हमारे #सीरियलों में #खलनायिका सीधे पल्ले की लाल साड़ी पहनती है…. 24 घण्टे कम से रु 60000/- तोला के हिसाब रु 15 लाख की ज्वेलरी पहने रहती है ! माथे पर बड़ी बिंदी होती है…. और मोटी मांग भर कर रखी जाती है…. आंख नचाकर… व्यंग्यात्मक भाषा बोलने में इस खलनायिका […]

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जब स्कूल की पुरानी मैडम ने चपरासी को ओए कह के बुलाया, तो…

बुड़बक का पन्ना ========= जब स्कूल की पुरानी मैडम ने चपरासी को ओए कह के बुलाया, तो नई मैडम को उस चपरासी पर बड़ा तरस आया… बोली लोग जाने कहाँ से पढ़ कर आ जाते हैं भला ओए कहकर किसी को कभी बुलाते हैं ? फिर वो चपरासी से बोली सुनो, मैं शिष्टाचार निभाऊँगी तुम्हें […]

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मत करो घमंड इतना कि मैं किसी को खिला रहा हूँ…क्या पता हम खुद किसके भाग्य से खा रहे हैँ!

Apna mohalla-अपना मोहल्ला ======== एक रेस्टोरेंट में कई बार देखा गया कि, एक व्यक्ति (भिखारी) आता है और भीड़ का लाभ उठाकर नाश्ता कर चुपके से बिना पैसे, दिए निकल जाता है। एक दिन जब वह खा रहा था तो एक आदमी ने चुपके से दुकान के मालिक को बताया कि यह भाई भीड़ का […]