धर्म

बुज़ुर्गों का सम्मान करने पर पैग़म्बरे इस्लाम और उनके पवित्र परिजनों के कुछ मशविरे!

पार्सटुडे – हज़रत इमाम सज्जाद ने फ़रमाया: बुज़ुर्गों का सम्मान करो क्योंकि वे बूढ़े हैं, उसके साथ शांति, नर्मी और आहिस्ता व्यवहार करो और उसका मान-सम्मान भी बढ़ाओ। इस्लाम के नैतिक पंथ में, आदर और सम्मान के लिए मौजूद अन्य मूल्यों और मानदंडों के साथ, बुढ़ापे और वयस्क होने को मानव गरिमा को संरक्षित रखने […]

धर्म

एक मोमिन का मिज़ाज

Farooque Rasheed Farooquee ============= . एक मोमिन का मिज़ाज अगर हमें ज़िन्दगी में कोई तकलीफ़ पहुॅंचे, हम बीमार हों या हमें कोई नुक़सान हो तो हमको यह समझना और कहना चाहिए कि ये हमारे बुरे आमाल की सज़ा अल्लाह ने हमें दी है। लेकिन अगर हमारे भाई को कोई तकलीफ़ पहुॅंचे, नुक़सान हो या वो […]

धर्म

लोगों पर रहम न करना अल्लाह की रहमत के ख़त्म होने का कारण बनता है!

अल्लाह की आम रहमत में दोस्त, दुश्मन, मोमिन, काफ़िर, अच्छे और बुरे सब लोग शामिल हैं। जिस तरह से जब वर्षा होती है तो सब जगह होती है मगर यह बात अल्लाह की विशेष रहमत में फ़र्क़ करती है। पैग़म्बरे इस्लाम के उत्तराधिकारी और  मुसलमानों के इमाम हज़रत अली, हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की पैदाइश के […]

धर्म

अल्लाह को पुकारो चाहे सख़्ती में चाहे आराम में : जीवन में दुआ का स्थान व मक़ाम

एक शोध व अध्ययनकर्ता का कहना है कि इंसानों को जब आघात पहुंचता है तो उनकी समझ में आता है कि केवल अल्लाह निर्धारित व फ़ैसला करने वाला है, सब कुछ उसी के हाथ में है तो वे सब अल्लाह की शरण में जाना चाहते हैं परंतु जब वे आराम और नेअमत में होते हैं […]

धर्म

अल्लाह ज़ालिम और उससे बदला लेगा जो मज़लूम की मदद न करे : आठ चुनिन्दा हदीसें

पार्सटुडे- पैग़म्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं” मज़लूम की बद्दुआ से डरो यद्यपि वह काफ़िर ही क्यों न हो, क्योंकि मज़लूम की बद्दुआ के सामने कोई रुकावट नहीं है। ज़ुल्म का अर्थ अत्याचार है यानी अपने आप पर या दूसरे के अधिकारों पर ज़ुल्म करना। जो बुरा व ग़लत काम करता है वह अपने आप पर ज़ुल्म […]

दुनिया देश धर्म

हज़रत अली के जन्मदिन की शुभकामनाएँ, देखें : कैसे हज़रत अली ने इस्लाम के शुरुआती वर्षों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब मक्का में मुसलमानों को गंभीर रूप से सताया गया था

अली अली عَلِيّ अमीर अल-मु’मिनिन अबू तुराब इस्तांबुल के हागिया सोफिया में प्रदर्शित अली के नाम वाली सुलेख मुहर रशीदुन खलीफा के चौथे खलीफा शासन 17 जून 656 – 28 जनवरी 661 पूर्ववर्ती उथमान उत्तराधिकारी हसन इब्न अली ( खलीफा के रूप में ) [ 1 ] [ 2 ] प्रथम शिया इमाम कार्यकाल 8 जून 632 – 28 जनवरी 661 पूर्ववर्ती स्थापित स्थिति उत्तराधिकारी हसन इब्न अली जन्म सी।  600 ई. […]

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“ऐ ईमान वालों सब्र करो और मुक़ाबले के लिए तैयार रहो और डट जाओ और अल्लाह का तक़वा इख्तियार करो ताकि निजात पा जाओ”

Mohd Taseen Azad ============== क्या सब्र बुजदिली है यह नागफनी के पौधे हैं जो रेगिस्तानी वनस्पति है नागफनी को इंग्लिश में Cactus कहते हैं अरबी भाषा में इस का नाम सब्बार صبار है सब्बार का मतलब है बहुत ज्यादा सब्र करने वाला, नागफनी का नाम सब्बार इस लिए पड़ा कि यह पौधा विपरीत परिस्थितियों में […]

धर्म

इस्लामी तरीक़े से पानी पीने के तिब्बी (मेडिकल) फ़ायदे

Mohd Ali Azad Ansari =========== · इस्लामी तरीक़े से पानी पीने के तिब्बी (मेडिकल) फ़ायदे इस्लाम में पानी पीने के लिए कुछ खास तरीके और आदाब (शिष्टाचार) बताए गए हैं, जो न केवल रूहानी फायदे देते हैं बल्कि तिब्बी तौर पर भी इंसान की सेहत के लिए बहुत लाभकारी हैं। यह तरीके हमारी सेहत को […]

धर्म

पैग़म्बरे इस्लाम के निकट हज़रत फ़ातेमा ज़हरा का स्थान व मक़ाम

पार्सटुडे- प्रसिद्ध किताब सही बुख़ारी में पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद स. और हज़रत ख़दीजा  की बेटी हज़रत फ़ातेमा को जन्नत की महिलाओं की सरदार बताया गया है। हज़रत फ़ातेमा ज़हरा स. पैग़म्बरे इस्लाम और जनाब ख़दीजा स. की बेटी और हज़रत अली की धर्मपत्नी हैं। वह पंजतन पाक में से एक हैं। पवित्र क़ुरआन के […]

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इस्लामी संस्कृति व मूल्यों की ओर पलट आना मुसलमानों के पश्चिमी संस्कृति से मुक़ाबले का एकमात्र मार्ग है

एक अध्ययनकर्ता का कहना है कि आपसी समझबूझ इस्लामी संस्कृति के प्रचार- प्रसार का रास्ता व मार्ग है और एक विचार व धारणा को फ़ैलाने का सबसे बेहतरीन रास्ता जंग व विवाद नहीं है बल्कि चिंतन- मनन करने वालों के साथ सिद्धांतिक व तार्किक वार्ता है। अंतरराष्ट्रीय दर्शनशास्त्र दिवस के अवसर पर दर्शनशास्त्र की बहसों […]