इस्लाम धर्म की दृष्टि में अधीनस्थ लोगों के साथ व्यवहार सम्मानपूर्ण और उदार होना चाहिए। अर्थात्, अधीनस्थ को भी सम्मान और मूल्य देना आवश्यक है। अधीनस्थ वे लोग होते हैं जो किसी अन्य व्यक्ति की निगरानी और सरपरस्ती में होते हैं और वह व्यक्ति उनके ऊपर अधिकार रखता है। अधीनस्थों में वे सहकर्मी शामिल हैं […]
धर्म
चुग़ुलखोर, सबसे बुरा इंसान!
पार्सटुडे- चुग़ुलखोरी का अर्थ यह है कि दोस्ताना संबंधों को ख़राब करने के लिए एक शख्स की बात दूसरे लोगों से कह देना चुग़ुलखोरी एक ऐसी अनैतिक बीमारी है जो अधिकांशतः ग़ीबत, आरोप और ईर्ष्या के साथ होती है। इस अनैतिक बीमारी के बारे में यहां हम पैग़म्बरे इस्लाम और उनके पवित्र परिजनों के कुछ […]
तौबा के लाभ और बरकतें!
तौबा में किन विशेषताओं को होना चाहिये? पार्सटुडे- इस्लाम धर्म में तौबा गुनाहों से पाक होने का रास्ता, जीवन के रास्ते को बदलने और महान ईश्वर से संबंधों को मज़बूत करने का मार्ग है। सही तरह से और समय पर तौबा व्यक्तिगत विकास और महान ईश्वर और उसकी कृपा से निकट होने का कारण बनती […]
अमानत को अदा करना, जिसकी अमानत हो चाहे वह मुसलमान हो या काफ़िर
पार्सटुडे- हदीसों के अनुसार समझौते के प्रति वफ़ा समस्त धर्मों का सार व निचोड़ है। समझौते के प्रति वचनबद्धता का मतलब उन समस्त चीज़ों को पूरा करना है जिनका वचन दिया है। यहां हम समझौते के प्रति कटिबद्ध रहने के प्रति पैग़म्बरे इस्लाम और उनके उत्तराधिकारी की कुछ हदीसों को बयान कर रहे हैं। पैग़म्बरे […]
अच्छे और सच्चे दोस्त पाने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
हर इंसान अपने साथियों से प्रभावित होता है और हर इंसान के भाग्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उसके साथियों द्वारा निर्धारित होता है। इस दुनिया में इंसान बिना दोस्तों के, अजनबी और परदेसी की तरह रहता है, और उसके लिए जीवन का कोई अर्थ नहीं होता। ऐसे बहुत से लोग हैं, जो सच्चे और हमदर्द […]
रोज़ेदार तौबा और इस्तेग़फार के ज़रिए अल्लाह की रहमत का फ़ायदा उठा सकते हैं और अपने आप को गुनाहों के बोझ से मुक्त कर सकते हैं!
पार्स टुडे- जब हम इस बात पर विचार करते हैं कि रमज़ान का महीना क़ुरान और इलाही शिक्षाओं पर विशेष ध्यान देने की सलाह देता है, तो हमें यह एहसास होता है कि रमज़ान जीवन के मार्ग की समीक्षा और पुनर्मूल्यांकन करने का एक अच्छा समय है। रमज़ान और रोज़े का महीना न केवल शारीरिक […]
हज़रत अली फ़रमाते हैं – ”बेहतरीन शासक वह है जो ज़ुल्म को ख़त्म करे और न्याय को ज़िन्दा करे”
मज़लूम का बचाव बौद्धिक और स्वाभाविक चीज़ है जिस पर इस्लामी रिवायतों में बल दिया गया है। मज़लूम उस इंसान को कहा जाता है जिस पर अन्याय व अत्याचार किया गया हो और उसके अधिकारों पर अतिक्रमण किया गया हो। पैग़म्बरे इस्लाम और उनके पवित्र परिजनों के हवाले से बहुत सी रिवायतों में मज़लूम की […]
इस किताब में इमाम ज़ैनुल आबेदीन की 54 दुआये हैं जिसे इमाम ने बोलकर लिखवाया है!
पार्सटुडे- इमाम ज़ैनुल आबेदीन की एक लिखित रचना व किताब है जो मुसलमानों के मध्य क़ुरआन की बहन, अहलेबैत की इंजील और ज़बूरे आले के नाम से मश्हूर है। इस किताब में इमाम ज़ैनुल आबेदीन की दुआयें हैं। इस किताब में इमाम ज़ैनुल आबेदीन की 54 दुआये हैं जिसे इमाम ने बोलकर लिखवाया है और […]
पैग़म्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं, पांच चीज़ को पांच चीज़ से पहले ग़नीमत समझो!
पार्सटुडे- इस बात में कोई संदेह नहीं है कि समय इंसान की बहुत बड़ी और अद्वितीय पूंजी है और उसका सही लाभ उठाकर हर क्षेत्र में प्रगति की जा सकती है और भौतिक और आध्यात्मिक प्रगति की बड़ी से बड़ी चोटी को सर किया जा सकता है। समय यानी घंटों, दिनों, महीनों, सालों यहां तक […]
पैग़म्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं, हसद करने वाला इंसान सबसे कम आनंद उठाता है!
पार्सटुडे- हसद व जलन एक बुरी नैतिक बुराई है। हसद का अर्थ यह है कि इंसान उस इंसान से नेअमत के ख़त्म होने की तमन्ना करे जिसे अल्लाह ने कोई नेअमत दे रखी है। जो इंसान जलता या ईर्ष्या करता है वह दूसरों को खुश नहीं देख सकता है। वह उस चीज़ के ख़त्म होने […]