Sat. Oct 5th, 2024

Category: साहित्य

तो आपके पास इतने पैसे कहाँ से आ जाते हैं?…BY-रमेश पटेल ‘स्माइल’

Ramesh Patel ============== बचपन से ही मुझे किताबें पढ़ने का शौक रहा है। मैं जब जूनियर हाईस्कूल में था तो इन तीन सालों में मैंने लगभग 40 पुस्तकें पढ़ डालीं…

“बूंदी का रायता…..

“बूंदी का रायता….. बाबूजी…. आखिरकार आज हमारी कम्पनी ने प्रोजेक्ट को पूरा कर ही लिया ….खुश होते हुए दीपक सुरेंद्र बाबू से बोला…. शाबाश…. मुझे पता था तुम ही मेरी…

“नानी, मैं एक कुल्फ़ी और ले लूं,…”

“नानी, मैं एक कुल्फी और ले लूं,प्लीज़…” चीकू ने फ्रिज खोलते हुए पूछा. “चीकू, तुम खा चुके हो ना?.. ग़लत बात, वो कुल्फी नानी की है… हटो वहां से…” मैंने…

तलाक़ जैसा फ़ैसला मत लेना….इसके बाद तुम्हारी जिंदगी और भी बत्तर हो जाएगी!

जब मेरी शादी हुई थी तो मेरी उम्र महज 22 साल थी पतिदेव की उम्र 33 साल थी, शादी के शुरुवाती दिन में हमारे बीच सब अच्छा था, दिन में…

ई हमार भारतीय संस्कृति को, का होई गवा बा——लेख-जयचंद प्रजापति

जयचंद प्रजापति =========== व्यंग्यात्मक लेख——— ई हमार भारतीय संस्कृति को, का होई गवा बा ——————– हम इलाहाबाद के सिविल लाइन में थोड़ा भारतीय संस्कृति का दर्शन करने के इरादे से…

“अम्मा….आपके बेटे ने मनीआर्डर भेजा है”

Rishi Kumar Pandey =================== *अनजान से आत्मिक स्नेह* “अम्मा!.आपके बेटे ने मनीआर्डर भेजा है।” डाकिया बाबू ने अम्मा को देखते अपनी साईकिल रोक दी। अपने आंखों पर चढ़े चश्मे को…

ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़

ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है कभी मेहबूब को तभी दग़ाबाज़ लगती है पल-पल बदलते रहते हैं रग-व-रूप कभी दिलकश तो कभी गमख्वार लगती है कभी गुल तो…

मैं यह नज़ारा देख कर परेशानी में सोच रहा था कि ये चक्कर क्या है…

Rishi Kumar Pandey ============== थोड़ा सा समय निकाल कर पढ़िएगा जरूर…….. मैं एक घर के करीब से गुज़र रहा था की अचानक से मुझे उस घर के अंदर से एक…

चौथीराम यादव, हजारी प्रसाद द्विवेदी के अन्तिम शिष्य थे

जयचंद प्रजापति ============== चौथीराम यादव हजारी प्रसाद द्विवेदी के अन्तिम शिष्य थे ………. हिन्दी साहित्य के प्रसिध्द आलोचक चौथीराम यादव के निधन से हिन्दी साहित्य का एक मुखर वक्ता चला…