कभी रुक गए कभी चल दिए कभी चलते चलते भटक गए यूँ ही उम्र सारी गुज़र गई यूँ ही ज़िन्दगी के सितम सहे कभी नींद में कभी होश में तू जहाँ मिला तुझे देख कर न नज़र मिली न ज़ुबां हिली यूँ ही सर झुका के गुज़र गए कभी ज़ुल्फ़ पर कभी चश्म पर कभी […]
साहित्य
इन्साँ की ख़्वाहिशों की कोई इन्तिहा नहीं….क़ैफ़ी आज़मी के 20 मशहूर शेर…
1.जो वो मिरे न रहे मैं भी कब किसी का रहा बिछड़ के उनसे सलीक़ा न ज़िन्दगी का रहा 2.इन्साँ की ख़्वाहिशों की कोई इन्तिहा नहीं दो गज़ ज़मीं भी चाहिए, दो गज़ कफ़न के बाद 3.मेरा बचपन भी साथ ले आया गाँव से जब भी आ गया कोई 4.पाया भी उनको खो भी दिया […]
परिजनों की घोर अनिच्छा के कारण उसका विवाह नहीं हो सका!
Neelam Sourabh ============ · एक यक्षप्रश्न! _________________________________ एक विवाहित पुरुष का किसी से विवाह पूर्व का प्रेम सम्बन्ध था जिससे परिजनों की घोर अनिच्छा के कारण उसका विवाह नहीं हो सका। एक आदर्श पति की तरह अमुक ने धर्मपत्नी के प्रति अपने सारे कर्तव्य निभाये, साथ ही कठिन परिस्थितियों में अकेली छूट गयी प्रेमिका की […]
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो….By-सुदर्शन फ़ाक़िर
“ये दौलत भी ले लो” : सुदर्शन फ़ाकिर ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन वो काग़ज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी मुहल्ले की सबसे निशानी पुरानी वो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानी वो नानी की बातों […]
*ओशो ने बताया कुम्भ का महत्व*
Prem anand ============= *ओशो ने बताया कुम्भ का महत्व* इसमें कई बातें हैं। पहली बात जो समझ लेने की है वह यह कि ये जो करोड़ लोग इकट्ठे हो गए हैं एक अभीप्सा और एक आकांक्षा से, एक प्रार्थना से, एक ध्वनि, एक धुन करते हुए आ गए हैं, यह एक पूल बन गया चेतना […]
दफ़्तर-ए-लौह ओ क़लम या दर-ए-ग़म खुलता है…होंट खुलते हैं तो इक बाब-ए-सितम खुलता है—-वहीद अख़्तर
दफ़्तर-ए-लौह ओ क़लम या दर-ए-ग़म खुलता है होंट खुलते हैं तो इक बाब-ए-सितम खुलता है हर्फ़-ए-इंकार है क्यूँ नार-ए-जहन्नम का हलीफ़ सिर्फ़ इक़रार पे क्यूँ बाब-ए-इरम खुलता है आबरू हो न जो प्यारी तो ये दुनिया है सख़ी हाथ फैलाओ तो ये तर्ज़-ए-करम खुलता है माँगने वालों को क्या इज़्ज़त ओ रुस्वाई से देने वालों […]
सन्नाटा राक्षस बन कर उन्हें निगलने लगता….वे उन्हें भी मार देंगे…
Madhu Singh ================ · हैलो सर, आज औफिस नहीं आ पाऊंगी, तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है,’’ रूपा ने बुझीबुझी सी आवाज में कहा. ‘‘क्या हुआ रूपाजी, क्या तबीयत ज्यादा खराब है?’’ बौस के स्वर में चिंता थी. ‘‘नहीं, नहीं सर, बस यों ही, शायद बुखार है.’’ ‘‘डाक्टर को दिखाया या नहीं? इस उम्र में लापरवाही […]
“नीलू भाग गई”…..काट दी भरे समाज मे हमारी नाक उसने…
कड़वा सत्य ============= ” नीलू भाग गई ” आज मोहल्ले मे हर किसी की जुबान पर यही बात थी । अठारह वर्षीय सीधी साधी सी नीलू जो घर से बाहर कदम ना रखती थी वो कैसे इतना बड़ा फैसला ले बैठी । और उसका किसी लड़के से चक्कर था ये बात तो किसी को हजम […]
“दुःख की कविता में जो ‘वाह’ कहता है, उसे कविता की समझ हो सकती है- दुःख की नहीं”
Baabusha Kohli Writer Lives in Jabalpur, Madhya Pradesh ============== ट्रेन आने में केवल तीन मिनट बचे थे, जब कल शाम हम रेलवे स्टेशन पहुँचे। सेनोरिटा को लग रहा था कि ट्रेन छूट जाएगी। चुपचाप दिमाग़ में प्लान- बी एक्टिवेट कर लिया था, मगर ट्रेन मिल गई। कोहरे से ढँकी सड़क पर रोड ट्रिप करने की […]
**सचाई और चमक-दमक के बीच उलझी एक ज़िन्दिगी : आदित्य की कहानी**
हमारी कहानियाँ =============== 2 साल संभोग का आनंद लेने के बाद, जब मैं गर्भवती हुई, तो सातवें महीने में अपने मायके राजस्थान जा रही थी। मेरे पति शहर से बाहर थे, और उन्होंने एक रिश्तेदार से कहा था कि मुझे स्टेशन पर छोड़ आएं। लेकिन ट्रेन के देर से आने के कारण वह रिश्तेदार मुझे […]