देश

Breaking : पुलित्जर पुरस्कार विजेता कश्मीरी पत्रकार सना इरशाद मट्टू को दिल्ली हवाई अड्डे पर न्यूयॉर्क जाने से रोक दिया गया

कश्मीरी फोटो पत्रकार सना इरशाद मट्टू ने इस साल का पुलित्जर पुरस्कार जीता है लेकिन उसे हासिल नहीं कर पा रही हैं. उनका कहना है कि उन्हें दिल्ली हवाई अड्डे पर बिना कारण फ्लाइट लेने से रोक दिया गया.

सना इरशाद मट्टू फोटो पत्रकारों की उस टीम का हिस्सा थीं जिसे मई 2022 में फीचर फोटोग्राफी में पुलित्जर पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया था. इस टीम ने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के लिए भारत में कोविड के असर को दिखाने वाली तस्वीरें ली थीं.

मट्टू को 18 अक्टूबर को पुरस्कार लेने के लिए दिल्ली से न्यूयॉर्क के लिए रवाना होना था, लेकिन उन्होंने बताया कि दिल्ली हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें भारत छोड़ कर जाने की इजाजत नहीं दी.

Sanna Irshad Mattoo
@mattoosanna

I was on my way to receive the Pulitzer award ( @Pulitzerprizes) in New York but I was stopped at immigration at Delhi airport and barred from traveling internationally despite holding a valid US visa and ticket.

मट्टू का कहना है कि उनके पास न्यूयॉर्क जाने का टिकट और वीजा भी था. उनके साथ ऐसा दूसरी बार हुआ है. इससे पहले जुलाई 2022 में उन्होंने फ्रांस का सेरेंडीपीटी आरलेस ग्रांट जीता था लेकिन उससे जुड़े एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उन्हें पेरिस नहीं जाने दिया गया था.

कश्मीरी पत्रकारों पर निशाना
उन्होंने बताया था कि उस समय भी उन्हें दिल्ली हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने रोक दिया था और उन्हें भारत से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी थी. उस बार भी मट्टू को अनुमति ना दिए जाने का कारण नहीं बताया गया था.


Sanna Irshad Mattoo
@mattoosanna

I was scheduled to travel from Delhi to Paris today for a book launch and photography exhibition as one of 10 award winners of the Serendipity Arles grant 2020. Despite procuring a French visa, I was stopped at the immigration desk at Delhi airport.


Sanna Irshad Mattoo
@mattoosanna
This is the second time I have been stopped without reason or cause. Despite reaching out to several officials after what happened few months ago but I never received ay response.
Being able to attend the award ceremony was a once in a lifetime opportunity for me.

मट्टू ने कहा है कि उन्होंने पिछले चार महीनों में इसका कारण जानने के लिए कई अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन उन्हें आज तक जवाब नहीं मिल पाया है. मट्टू इस तरह से रोके जाने वाली अकेली कश्मीरी पत्रकार नहीं हैं.

पिछले कुछ सालों में ऐसा कई कश्मीरी पत्रकारों के साथ हो चुका है. 26 जुलाई को कश्मीरी पत्रकार आकाश हसन ब्रिटेन के गार्डियन अखबार के लिए श्रीलंका जाने वाले थे लेकिन दिल्ली हवाई अड्डे पर उन्हें रोक दिया दिया गया.

अंतरराष्ट्रीय संस्था कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) के मुताबिक अधिकारियों ने हसन को बताया कि उनका नाम एक लुकआउट सर्कुलर में दी गई नामों की सूची में शामिल है. इस सर्कुलर में ऐसे लोगों के नाम हैं जिनके खिलाफ किसी जुर्म के आरोप हैं और उन्हें गिरफ्तार होने से रोकने के लिए भारत से बाहर जाने से रोका जाना है.

Journalist Federation of Kashmir
@pressfreedomJFK
The Journalist Federation of Kashmir condemns the arbitrary international travel restriction on Sanna Irshad Mattoo, a Pulitzer prize winner photojournalist. Ms. Mattoo was barred from boarding a flight from New Delhi to New York on Tuesday.

हसन ने सीपीजे को बताया कि उनके खिलाफ ऐसे किसी भी आरोप की जानकारी नहीं है. इसी तरह 2019 में कश्मीरी पत्रकार गौहर गिलानी को डीडब्ल्यू की एक वर्कशॉप में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी नहीं जाने दिया गया था.

अगस्त 2019 के बाद बदल गया सब
उन्हें कई घंटों तक दिल्ली हवाई अड्डे पर रोक कर रखा गया था और फिर उन्हें बताया गया था कि उन्हें भारत से बाहर जाने की अनुमति नहीं है.

वेबसाइट ‘द वायर’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने वाकई पत्रकारों और एक्टिविस्टों की एक सूची बनाई है और उनके खिलाफ इस तरह का एक गुप्त लुकआउट सर्कुलर जारी किया हुआ है. इस सूची में कम से कम 43 नाम हैं, जिनमें से कम से कम 22 पत्रकार हैं.

कश्मीरी पत्रकारों को इस तरह रोके जाना विशेष रूप से अगस्त 2019 के बाद शुरू हुआ जब केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा निरस्त कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया और पूरे इलाके में सेना की तैनाती, इंटरनेट बंदी और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जेल में डालने जैसे सख्त कदम उठाये.

==============
चारु कार्तिकेय