अफ़्रीक़ा में साहेल इलाक़े के ताज़ा घटनाक्रमों से पता चलता है कि अफ़्रीक़ी महाद्वीप में पश्चिमी देशों की पकड़ ढीली पड़ती जा रही है और रूस, ईरान और चीन के प्रभाव में वृद्धि हो रही है, जो नई विश्व व्यवस्था की निशानी है।
अफ़्रीक़ी महाद्वीप में पश्चिम की कठपुतली सरकारों का तेज़ी से पतन हो रहा है। माली, बुर्किना फ़ासो और नाइजर समेत साहेल के देशों में अफ़्रीक़ी रेसिस्टेंस के उभरने की प्रबल संभावना है।
क्रिडेल डेटाबेस के अनुसार, दुनिया के विभिन्न इलाक़ों में प्रतिरोध का उभरना, एक लंबी और जटिल प्रक्रिया का नतीजा है, जो दुनिया को बहुध्रुवीय विश्व की ओर ले जा रहा है।
पश्चिम के वर्चस्व के मुक़ाबले में प्रतिरोध और बहुध्रुवीय विश्व एक दूसरे के पूरक विषय हैं। आज पश्चिम एशिया में प्रतिरोध, अफ़्रीक़ा के साहेल इलाक़े में उभरने वाले प्रतिरोध का प्रेरक है, जो पश्चिम से पूरब तक, सेनेगल, माली, बुर्किना फ़ासो और नाइजर से लेकर चाड, सूडान और इरिट्रिया को अपनी चपेट में ले रहा है।
साहेल के प्रतिरोध को मज़बूती प्रदान करने में सेनेगल के चुनावों की अहमियत
नाइजर के विपरीत, जहां पश्चिमी नव-उपनिवेशवाद (Western neo-colonialism) के ख़िलाफ़ सत्ता परिवर्तन सैन्य तख़्तापलट से हुआ था, सेनेगल में यह बदलाव सीधे चुनावों के ज़रिए से हुआ है।
24 मार्च को सेनेगल के आम चुनाव में 44 वर्षीय बसिरो दियोमाये फ़ाये की शानदार जीत से देश एक नए युग में प्रवेश कर कर गया है।
पूर्व टैक्स इंस्पैक्टर कि जिन्होंने हाल ही में दो हफ़्तों की जेल काटी थी, किसान और मज़दूर वर्ग के समर्थन से फ़्रांसीसी कठपुतली नेता मैकी सॉल को सत्ता से बाहर करने में कामयाब हो गए।
सेनेगल के अवाला बुर्किना फ़ासो में 36 वर्षीय इब्राहिम ट्रोरे, इथियोपिया में 46 वर्षीय एबी अहमद, मडागास्कर में 48 वर्षीय आंद्रे राजोलिना और दक्षिण अफ्रीक़ा में 44 वर्षीय जूलियस मालेमा अफ़्रीक़ी महाद्वीप में नए उभरते हुए नेतृत्व का प्रतीक हैं।
ऐसा लगता है कि इन परिवर्तनों का मुख्य कारण, जियो इकोनॉमिक है। सेनेगल एक प्रमुख तेल और गैस उत्पादक देश बन गया है और अब इस देश के नए राष्ट्रपति खनन और ऊर्जा समझौतों पर पुनर्विचार करने का इरादा रखते हैं। ऐसे ही कुछ समझौतों में ब्रिटिश पैट्रोलियम और एंडेवर माइनिंग के साथ हुए समझौते भी शामिल हैं।
इसी तरह से उन्होंने 14 अफ्रीक़ी देशों में इस्तेमाल की जाने वाली फ्रांस-नियंत्रित शोषणकारी सीएफ़ए मुद्रा प्रणाली को छोड़ने की भी योजना बनाई है।
नाइजर के साथ ईरान और रूस की दोस्ती से वाशिंगटन को चिंता
हालांकि सेनेगल के नए राष्ट्रपति ने अभी तक यह साफ़ नहीं किया है कि वह अपने देश से फ़्रांसीसी सैनिकों को निकालना चाहते हैं या नहीं। अगर वह ऐसा करते हैं तो यह पेरिस के लिए एक बड़ा झटका होगा, क्योंकि मैक्रां सरकार नाइजर, माली और बुर्किना फ़ासो के लिए सेनेगल को बहुत महत्वपूर्ण समझती है, जो पहले ही फ़्रांस के हाथ से निकल चुके हैं।
यह तीन देश, जिन्होंने हाल ही में साहेल देशों के गठबंधन का गठन किया है, पेरिस के लिए न सिर्फ़ एक बुरा सपना बन गए हैं, अमरीका के लिए भी एक बड़ी समस्या हैं, जो वाशिंगटन और नाइजर के बीच सैन्य सहयोग की शानदार नाकामी का स्पष्ट उदाहरण है।
स्वाभाविक रूप से, अमरीकी-गठबंधन वाले देशों ने रूस और अफ्रीक़ा के बीच बढ़ती राजनयिक प्रक्रिया पर उचित ध्यान नहीं दिया है, जिसमें साहेल से लेकर नए ब्रिक्स अफ्रीक़ी सदस्यों मिस्र और इथियोपिया तक सभी प्रमुख खिलाड़ी शामिल हैं।
अब अमरीका को सुरक्षा और सैन्य सहयोग समझौते को रद्द करने के बाद, नाइजर से अपने सैनिकों की वापसी के लिए समय सीमा निर्धारित करनी होगी। इसके बाद से वाशिंगटन, नाइजर में सैनिकों की ट्रेनिंग में हिस्सा नहीं ले सकेगा।
अमरीका के अगाडेज़ और नियामी में दो रणनीतिक सैन्य अड्डे हैं, जिन्हें निर्माण पर पेंटागन ने 150 मिलियन डॉलर से अधिक ख़र्च किए हैं। नियामी 2019 में बनकर तैयार हुआ था, जिसका प्रबंधन एफ़्रीकॉम के हाथ में है।
जल्द ही 1,000 अमेरिकी सैनिकों को बाहर निकाला जा सकता है, जिसे रोकने के लिए अमरीकी बहुत हाथ पैर मार रहे हैं। पिछले महीने, अफ़्रीक़ी मामलों के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री मौली फ़ेय ने दो बार नाइजर का दौरा किया था।
यहां यह बात ग़ौरतलब है कि इन सैन्य अडड् से अमरीका के बाहर होने का मतलब, नाइजर का रूस और ईरान से निकट होना है। इस साल जनवरी के महीने में नाइजर के एक बड़े डेलिगेशन ने मास्को की यात्रा की थी।
फ़्रांस का अपमान और अमरीका की संभावित प्रतिक्रिया
कूटनीति के मामले में रूस और व्यापार के मामले में चीन ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाकर, बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के क्रम में प्रमुख खिलाड़ियों के रूप में अफ्रीक़ी देशों पर विशेष ध्यान दिया है।
साहेल क्षेत्र में फ़्रांस के अपमान का एक मुख्य कारण, मैक्रॉन द्वारा यूक्रेन युद्ध में फ़्रांसीसी सेना भेजने की धमकियां हो सकती हैं।
ऐतिहासिक रूप से, अफ्रीक़ी देश सोवियत संघ को अपने प्राकृतिक संसाधनों के प्रति अधिक लचीला और यहां तक कि समर्थक मानते थे, यही पोज़ीशन अब चीन ले रहा है।
इसके बावजूद, अफ़्रीक़ा में पश्चिम के वर्चस्व की मज़बूत जड़ों को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। अफ्रीक़ा में पेंटागन के मास्टर प्लान का उद्देश्य रूस, चीन और ईरान के बहुध्रुवीय प्रभाव का मुक़ाबला करना है।

The Democratic Republic of Congo will no longer allow the country’s minerals to be processed outside Africa.

Lake Nkugute. Uganda 🇺🇬
Lake Nkugute found in Rubirizi district of Kitara Region is shaped more like an African map, in fact most people prefer calling it Lake Africa.
Lake Nkugute is a crater lake and it’s estimated terrain elevation above seal level is 4645 feet. It’s believed to have been formed after volcanic activity left a crater in the ground, which slowly filled with rainwater over thousands of years.
The Nkugute crater lake whose name apparently means swallow, has been a blessing and curse to the nearby locals who have been coming up with some strange tales about the water body. This lake can be visited enroute Queen Elizabeth National Park via the Mbarara Kasese road
Meet Nigeria’s Queen of Cassava.
Oluyemisi Iranloye. She has established Africa’s largest cassava processing factory in Nigeria.
It operates 8,000 hectares and a network of 6,000 farmers. Its factory produces 35,000 tones of starch and cassava flour per year.
It is important to point out that it achieves more than 10 billion turnover per year.
Yes, there are strong hardworking women in Africa!
Credit: African Hub