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रोहतक जाट कॉलेज अखाड़ा हत्याकांड में छह लोगों की गोली मारकर हत्या करने वाले दोषी कोच ”सुखविंदर” को फांसी की सज़ा!

रोहतक जाट कॉलेज अखाड़ा हत्याकांड में कोर्ट ने केस को अति गंभीर अपराध की श्रेणी में मानते हुए दोषी कोच सुखविंदर को फांसी की सजा दी है। दोषी के रहम मांगने पर अदालत ने कहा, क्या सरताज किसी का बेटा नहीं था। इससे अलग हथियार उपलब्ध कराने के दोषी पूर्व फौजी यूपी मुजफ्फरनगर निवासी मनोज को तीन साल की सजा सुनाई गई है। बता दें कि 21 फरवरी 2021 को जाट कॉलेज के अखाड़े में छह लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

ये था मामला
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक यूपी के शहर मथुरा निवासी महिला पहलवान पूजा तोमर रोहतक के जाट काॅलेज के अखाड़े में प्रशिक्षण ले रही थी। उसने मुख्य कोच विनोद मलिक को शिकायत दी थी कि कोच सुखविंदर उसे परेशान कर रहा है। शादी के लिए दबाव डालता है। मुख्य कोच ने आरोपी कोच को अखाड़ा छोड़ने की चेतावनी दी थी।

आरोप है कि इस बात से नाराज होकर आरोपी कोच सुखविंदर ने 12 फरवरी 2021 की शाम अखाड़े में पहुंचकर रिवाल्वर से मुख्य कोच मनोज मलिक, उनकी पत्नी साक्षी मलिक, मांडोठी निवासी कोच सतीश, मोखरा निवासी प्रदीप व महिला पहलवान यूपी की मथुरा निवासी पूजा तोमर को गोली मार दी। पांचों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि मुख्य कोच के बेटे 2 साल माह के सरताज को ऊपर ले जाकर सिर में गोली मारी। तीन दिन उपचार के दौरान सरताज की भी मौत हो गई।

हालांकि जाट किशोरी कॉलेज के बाहर बुलाए गए कोच निडाना निवासी अमरजीत को भी आरोपी कोच ने गोली मारी, लेकिन उसकी जान बच गई। दिल्ली पुलिस ने आरोपी कोच सुखविंदर को बादली के पास गिरफ्तार कर लिया था। जांच में खुलासा हुआ कि यूपी के मुजफ्फनगर जिले के गांव राजपुर-छाजपुर निवासी मनोज ने आरोपी कोच को हथियार उपलब्ध करवाए थे। पीड़ित पक्ष ने मनोज पर वारदात की साजिश में शामिल होने का भी आरोप लगाय था, लेकिन अदालत में उस आरोप को साबित नहीं किया जा सका।

इन धाराओं में ठहराए गए थे दोनों आरोपी दोषी
19 फरवरी को अदालत ने आरोपी कोच सुखविंदर को आईपीसी की धारा 302, 307, 342, 201 व 25 प 27 आर्म्ज एक्ट के तहत दोषी करार दिया गया था, जबकि आरोपी पूर्व सैनिक मनोज को आर्म्ज की धारा 29 का दोषी माना गया था।

रोहतक अदालत ने 10 साल में तीसरे केस में सुनाई फांसी की सजा
2014 में एक युवती व उसके प्रेमी को सात परिजनों की हत्या के केस में हुई थी फांसी
2015 में नेपाली युवती से गैंगरेप व हत्या के छह दोषियों को हुई थी फांसी की सजा
पुराने दोनों केसों में अभी तक नहीं दी जा सकी है फांसी