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मैं रात भर सोचती…जागती सपनों में….खुद को फिर तन्हा पाकर भयभीत हो जाती हूँ…
Rashi Singh ============ मैं रोज कतरों में बिखरती हूँ फिर खुद को एकत्रित कर जोड़ती हूँ सवाल कभी खुद से करती कभी गैरों की आँखों में जवाब ढूँढती हूँ कभी खुद को तन्हा इस वन रूपी दुनियाँ में भटकता देखती हूँ भयभीत हो तन्हाई के ख्वाब से फिर काल्पनिक अपने कहे रिश्तों से खुद को […]
राम नाम की महिमा : देव राज बंसल के तीन भजन आप भी जपें!
Dev Raj Bansal लेखक Lives in Hyderabad From Kasauli ============= राम जी का भजन राम किन्हें मिला करते उन भक्तों की क्या पहचान क्या भाग्य में मेरे लिखा है मैं उनको सकता जान अगर कोई त्रुटि है मुझ में प्रभु नहीं पा सकता हूं दुर्भाग्य मेरा इतना बड़ा है नाम भी नहीं गा सकता हूं […]
परिजनों की घोर अनिच्छा के कारण उसका विवाह नहीं हो सका!
Neelam Sourabh ============ · एक यक्षप्रश्न! _________________________________ एक विवाहित पुरुष का किसी से विवाह पूर्व का प्रेम सम्बन्ध था जिससे परिजनों की घोर अनिच्छा के कारण उसका विवाह नहीं हो सका। एक आदर्श पति की तरह अमुक ने धर्मपत्नी के प्रति अपने सारे कर्तव्य निभाये, साथ ही कठिन परिस्थितियों में अकेली छूट गयी प्रेमिका की […]