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मोहन भागवत राष्ट्रपिता बनने के लायक़ क्या—-राष्ट्र का नागरिक बनने के लायक़ भी नहीं है ?…बता रहे हैं सरदार मेघराज सिंह

Meghraj Singh
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पुरे विश्व के इंसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी ।
विश्व का कोई भी इंसान किसी भी धर्म का हो अगर वह अपने आपको बचपन से ही धार्मिक मान रहा है और बिना सोचे समझे धर्म को मानता चला आ रहा है तो वह इंसान बुद्धिहीन ही रह जाएगा ।
विश्व का कोई भी इंसान किसी भी धर्म का हो अगर वह बचपन से ही अपने आप को धार्मिक नहीं मानता है और वह धर्म ग्रंथों का अध्ययन करके ही धर्म को मानता है तब वह इंसान बुद्धिमान बन जाएगा ।


जन्म से इंसान कोई भी ना तो धार्मिक होता है और नाही वह अधार्मिक होता है ।
इंसान चाहे किसी भी धर्म का हो अगर वह सचमुच ही सच को और ईमानदारी को अपनाएगा तभी वह धार्मिक बन पाएगा ।
इंसान चाहे किसी भी धर्म का हो अगर वह झूठ और बेईमानी को अपनाएगा और लोगों से नफ़रत करेगा तो वह अधार्मिक रह जाएगा ।
नोट— इस सच को सिर्फ़ सच्चे इंसान ही समझ सकते हैं ।
वॉट्सऐप नंबर+13474754233 USA
( M S Khalsa )


Meghraj Singh
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मेरी निजी ज़िंदगी की कहानी
मेरी ज़िंदगी में रोज़ाना कोई ना कोई मुसीबत आती ही रहती है ।
रोज़ाना मुसीबत मुझे कोई ना कोई सबक़ सिखाती रहती है ।
जब तक मैं मुसीबतों को देखकर घबराता रहा ।
तब तक मैं वर्तमान का वक़्त व्यर्थ गवाता रहा ।
जब मैंने मुसीबतों का मुस्कुराकर मुक़ाबला किया ।
तब मुसीबतों ने मुझे अपना दोस्त बना लिया ।
दोस्त बनकर मुसीबतें ही मेरा बहुत अच्छा साथ निभा रही है ।
मुसीबतें ख़ुद दुखों को खाकर मुझे सुख पहुँचा रही है ।
जब दुख पहुँचाने वाली मुसीबतें ही हमारी दोस्त बन गयी फिर दुख कौन पहुँचाए ।
जब बड़ी बड़ी मुसीबते और दुख ही पहरेदार बन जाएँ फिर इंसान को कौन सताए ।
दुखों से और मुसीबतों से कर दोस्ती सूखों को अपने पास पकड़कर ना बैठाएँ ।
जब दुखों के साथ हो जाएगी दोस्ती फिर ज़िंदगी में हर तरफ़ सुख ही सुख नज़र आएँ ।
जब सच होगा मन में तब दुख सुख दोनों एक समान है नज़र आएँ ।
मेघराज सिह गुरु की कृपा से फिर इंसान हमेशा परम आनंद में जीवन जी पाए ।
नोट —इस बात को सिर्फ़ सच्चे इन्सान ही समझ सकते हैं ।
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( M S khalsa )

Meghraj Singh
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मोहन भागवत राष्ट्रपिता बनने के लायक क्या —-
राष्ट्र का नागरिक बनने के लायक भी नहीं है ?
क्योंकि
ना तो मोहन भागवत के अंदर किसी भी धर्म को कोई गुण है और नाही वह धार्मिक है ।
और नाही मोहन भागवत के अंदर इंसानियत है बल्कि उस के अंदर शैतानियत है जो पूरे भारत के लिए बहुत ख़तरनाक है ।
सभी भारतवासी सावधान रहे
( M S khalsa )

Satya Sharan Yadav
मोहन भागवत नागरिकता के लायक भी नहीं है ।

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