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“बरसो राम धड़ाकेसे, बुढिया मर गई फ़ाक़े से”….”आजकल बिजलियां बहुत गिर रही हैं”
Ranjeet Yadav ============ · जेठ में जब सारे ताल-तलैए सूख गये हैं। तेज धूप से सभी परेशान। गांवों में बरसात की प्रतीक्षा में जहाँ नये जाले बुने जाते हैं। वहाँ शहरों में पंखे की घर्र-घर्र और एयर कंडीशनर की आवाज फैलती रहती है। लोग-बाग सब टीवी पर खबरें सुन मॉनसून के आने की प्रतीक्षा कर […]
*बांझ*…वो दुनिया भर के ताने मयंक के प्यार में भुला देती थी
Laxmi Kumawat ============= · * बांझ * रचना को अब यहां घुटन हो रही थी। उस रिपोर्ट को हाथ में लिए वो सदमे में पिछले आधे घंटे से खड़ी हुई थी। उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसके साथ इतना बड़ा धोखा हो रहा है। उसका पति मयंक उसके साथ इतना कुछ कर […]
एक कवि नदी के किनारे खड़ा था…तभी वहाँ से एक लड़की का शव नदी में तैरता हुआ जा रहा था….
Madhu Singh =============== बहुत ही खूबसूरत वर्णन एक बार जरूर पढ़ें 🙏 🙏 एक कवि नदी के किनारे खड़ा था ! तभी वहाँ से एक लड़की का शव नदी में तैरता हुआ जा रहा था। तो तभी कवि ने उस शव से पूछा —- कौन हो तुम ओ सुकुमारी, बह रही नदियां के जल में […]