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ज़ायोनी शासन की गुप्त बैठक, सीरिया को बांटने की ज़ायोनी शासन की क्या योजना है : रिपोर्ट

पार्सटुडे – मीडिया ने दमिश्क के उपनगरीय इलाके “जरमाना” (Jaramana) शहर में दुर्ज़ सशस्त्र गुटों और सीरिया की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद अल-जूलानी की कमान के तहत सैनिकों के बीच भारी झड़पों की सूचना दी है।

स्वेदा के दुर्ज़ सशस्त्र गुटों ने शनिवार को दमिश्क के बाहरी इलाके “जर्माना” पर हमला कर दिया, जिससे यह क्षेत्र जूलानी सरकार की कमान के तहत बलों के नियंत्रण से निकल गया।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार, जब दुर्ज़ सैन्य परिषद ने अपनी तैयारी का एलान किया उसी वक़्त उसने जोलानी बलों के खिलाफ लड़ने के लिए सीरिया की राजधानी दमिश्क में सेना भेजने की अपनी तैयारी का भी एलान कर दिया।

इससे पहले, कुछ सोशल मीडिया चैनल्ज़ ने जर्माना शहर में सीरियाई सरकार से जुड़े कई सुरक्षा बलों के मारे जाने और अल-जूलानी की कमान के तहत काम करने वाले लड़ाकों से इस शहर का नियंत्रण निकल जाने के बाद जमकर ख़ुशियां मनाई थीं।

सीरिया को विभाजित करने के उद्देश्य से ज़ायोनी शासन की गुप्त बैठक

ज़ायोनी समाचार पत्र इज़राइल ह्यूम ने एक रिपोर्ट में बताया है कि ज़ायोनी शासन ने मक़बूज़ा क्षेत्रों के उत्तर में अपनी सीमाओं की रक्षा करने का दावा करते हुए, सीरिया को राज्यों में विभाजित करने के लिए एक गुप्त बैठक की।

इज़राइल ह्यूम की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ दिन पहले ज़ायोनी शासन के युद्धमंत्री “येज़राइल काट्ज़” की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सीरिया को काउंटीज़ में विभाजित करने का प्रस्ताव रखा गया था।

काट्ज़ ने यह प्रस्ताव ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बेन्यामीन नेतन्याहू के सामने रखा और इस मुद्दे की जांच के लिए एक बैठक आयोजित होने वाली है।

इज़राइल ह्यूम अख़बार ने इज़राइली सुरक्षा सूत्रों के हवाले से लिखा: ज़ायोनी शासन का सीरिया को स्थिर करने का कोई इरादा नहीं है लेकिन साथ ही, इस देश में हालात स्थिर होने से पहले वह अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से हटने का इरादा नहीं रखता है।

सुरक्षा विश्लेषकों का मानना ​​है कि एकजुट सीरिया इज़राइल के लिए ख़तरा है और बश्शार अल-असद की सरकार हटने के बाद इज़राइल इस देश को

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