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अमेरिका से वार्ता नहीं करेंगे, उस पर भरोसा नहीं है : ईरान

पार्सटुडे- सोशल साइट X पर ईरानी यूज़र्स ने इस्लामी गणतंत्र ईरान से वार्ता करने पर आधारित वाशिंग्टन की मांग को बहुत बड़ा धोखा बताया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने पिछले राष्ट्रपति काल के दौरान परमाणु समझौते से निकल गये थे। अब उन्होंने एक बार फ़िर दावा किया है कि वह वार्ता करके ईरान से समझौता करने को प्राथमिकता देते हैं।

इसी संबंध में ईरान की इस्लामी क्रांति के नेता इमाम ख़ामेनेई ने कुछ सेना कमांडरों, वायुसेना और एयर डिफ़ेन्स के अधिकारियों से मुलाक़ात में कहा कि अमेरिका से वार्ता शराफ़त, अक़लमंदी और समझदारी नहीं है।

पार्सटुडे- सोशल साइट X के ईरानी यूज़र्स ने भी इस दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए अमेरिका से वार्ता को स्ट्रैटेजिक ग़लती बताया।

मिसाल के तौर पर एक ईरानी यूज़र हसन नासिरीपुर ने ईरान से अमेरिका की वार्ता को खोखला वादा बताया और लिखा कि अनुभव ने दर्शा दिया है कि अमेरिका से वार्ता यानी वचन को तोड़ना और केवल नुकसान!

McFarlane to the JCPOA, धोखे और नुकसान के अलावा इसका कोई नतीजा नहीं हुआ। इमाम ख़ामेनेई ने होशियारी के साथ इज़्ज़त व प्रतीष्ठा का रास्ता दिखा दिया। क्रांति के मार्ग में डटे रहना, न कि पाखंड और छलावे के मुक़ाबले में नतमस्तक हो जाना।

एक अन्य ईरानी X यूज़र सज्जाद बाबामीर ने भी लिखा कि मेरी बात इस्लामी क्रांति के नेता की बात है और मैं वार्ता नहीं चाहता।

ईरानी लोगों ने इस्लामी क्रांति की सफ़लता की 46वीं वर्षगांठ पर एक आवाज़ में नारा लगाया कि अपमान स्वीकार करना असंभव है और यह यानी अमेरिका से ईरानी लोगों का आम संघर्ष व मुक़ाबला।