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हमास : ग़ज़ा में दोहरी अमेरिकी-इजरायल नागरिकता वाले कैदी एडन अलेक्जेंडर की रिहाई पर सहमत हो गया, बदले में इसराइल करेगा फ़लस्तीनी क़ैदियों की रिहाई!

पार्सटुडे- फिलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन “हमास” के प्रवक्ता ने कहा: अमेरिकी-ज़ायोनी क़ैदी की रिहाई का मतलब यह नहीं है कि हमास युद्धविराम पर फिर से बातचीत को तैयार है।

शुक्रवार को हमास ने एक बयान जारी कर एलान किया था कि वह ग़ज़ा में दोहरी अमेरिकी-इजरायल नागरिकता वाले कैदी एडन अलेक्जेंडर की रिहाई पर सहमत हो गया है।

पार्सटुडे के अनुसार, हमास के प्रवक्ता हाज़िम क़ासिम ने शनिवार को कहा: ज़ायोनी-अमेरिकी सैनिक एडन अलेक्जेंडर की रिहाई एक सकारात्मक क़दम था। उन्होंने जोर देकर कहा: इस कार्रवाई का मतलब यह नहीं है कि हमास युद्धविराम योजना पर फिर से बातचीत करने को तैयार है।

मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, श्री हाज़िम क़ासिम ने कहा: हम नए या आंशिक समझौतों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम विभिन्न चरणों में युद्धविराम समझौते के पूर्ण कार्यान्वयन की तलाश में हैं।

हमास के प्रवक्ता ने ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बेन्यामीन नेतन्याहू के बयानों का उल्लेख करते हुए कहा: नेतन्याहू हर उस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं जिससे युद्धविराम प्रक्रिया पूरी हो सके क्योंकि उन्हें अपने गठबंधन मंत्रिमंडल के टूटने का डर है।

नया युद्धविराम प्रस्ताव और हमास का जवाब

समझौते के क्रियान्वयन के पहले दिन यह देखा जाना चाहिए कि किन-किन बिंदुओं पर विचार किया गया:

इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार, हमास को पांच इज़राइली कैदियों को रिहा करना होगा, जिसमें “एडन अलेक्जेंडर” भी शामिल है जो एक अमेरिकी नागरिक है। इसके बदले में, इज़राइल भी कई फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के लिए प्रतिबद्ध होगा।

स्थायी युद्धविराम और कैदियों की व्यापक अदला-बदली पर चर्चा के लिए कैदियों की अदला-बदली के बाद 50 दिनों तक दोनों पक्षों के बीच अप्रत्यक्ष बातचीत जारी रहेगी।

हमास ने केवल एडन अलेक्जेंडर और चार इज़रायलियों के शवों को सौंपने की पेशकश की है और इसके लिए शर्त लगाई कि फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई एक निर्धारित और गैरंटेड तरीके से की जाए।

हमास ने कैदियों की अदला-बदली, क्रॉसिंग को फिर से खोलने और इज़राइली कैदियों को सौंपने से पहले मानवीय सहायता भेजने के साथ-साथ स्थायी युद्धविराम पर तुरंत बातचीत शुरू करने की भी मांग की है।

दूसरी ओर, तेल अवीव ने भी “एडन अलेक्जेंडर” सहित 11 ज़िंदा बंदियों की रिहाई और 16 शवों की सुपुर्दगी की मांग की है। इज़राइल के प्रस्ताव में आजीवन कारावास की सजा पाए 120 फिलिस्तीनी कैदियों, ग़ज़ापट्टी से 1 हज़ार 110 अन्य क़ैदियों की रिहाई और 160 फिलिस्तीनी शवों की सुपुर्दगी का प्रस्ताव दिया गया है।

इज़राइल ने कैदियों की रिहाई के बाद अप्रत्यक्ष वार्ता की अवधि को 50 दिन से घटाकर 40 दिन करने की मांग की और इस बात पर ज़ोर दिया है कि अन्य इज़राइली क़ैदियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के मुद्दे की शर्त के साथ एक स्थायी युद्धविराम लागू होना चाहिए।

हमास के प्रस्ताव के विपरीत, इज़राइल ने अपने जवाब में ग़ज़ापट्टी से किसी भी प्रकार से पीछे हटने का उल्लेख नहीं किया और यह सुनिश्चित करने के लिए तंत्र बनाने का आह्वान किया कि मानवीय सहायता केवल नागरिकों को भेजी जाए।

अमेरिका और हमास के बीच वार्ता को विफल करने के लिए नेतन्याहू के घेरे का प्रयास

युद्धविराम वार्ता की खबर के बाद ज़ायोनी अखबार “येदीयेत अहारनोत” ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि “बेन्यामीन नेतन्याहू” के करीबी मंत्री “रॉन डर्मर” अमेरिकी सरकार और “हमास” आंदोलन के बीच वार्ता को विफल करने के लिए एक गुप्त अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।

कुछ अमेरिकी सूत्रों से पता चला है कि अमेरिकी वार्ताकार एडम ब्यूहलर सीधे हमास के साथ बातचीत में शामिल हो गए थे, लेकिन नेतन्याहू के सर्कल ने मीडिया अभियान शुरू करके और गुप्त वार्ता को उजागर करके उन्हें अपने पद से हटा दिया।

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