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“शुक्रिया मुसलमान भाईयों,आपने मुझे गाली ना देकर मेरी इज्जत रख ली” न्यूज़ ऐंकर साक्षी जोशी ने कहा

नई दिल्ली :सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग टीम इस प्रकार से जागरूक है कि ज़रा सी आलोचना करो कुछ तथाकथित नामों की भीड़ टूट पड़ती है,और व्यक्तिगत हमले बोलकर,अपनी संस्कृति अपने संस्कारों की पोल खोल देते हैं,मुसलमानों के द्वारा न्यूज 24 की एंकर साक्षी जोशी ने ट्रोल न करने पर मुसलमानों का शुक्रिया अदा किया है।

दरअस्ल हुआ यूं कि बीते मंगलवार को शब ए बारात थी जिसमें कुछ मुस्लिम नौजवान बाईकों पर सवार होकर सड़क पर स्टंट करते हैं। न्यूज एंकर साक्षी जोशी ने ऐसे लोगों को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी, उनकी इस टिप्पणी को मुस्लिम यूजर्स ने खूब सराहा, और उनके साथ किसी ने बदतमीजी नही की।

अब इस एंकर ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की है और मुसलमानों को शुक्रिया अदा किया। उन्होंने उन स्क्रीन शाट को भी पोस्ट किया है जिसमें उनकी बात से मुस्लिम युवाओं ने सहमती जाहिर की थी। न्यूज एंकर ने लिखा कि कल शब-ए-बारात पर सड़कों पर होते हुड़दंग पर मैंने ट्वीट किया था। किसी भी धर्म की कुरीति या ग़लत हरकत को मैं कभी समर्थन नहीं कर सकती और देखिए एक भी मुसलमान भाई ने मुझे गाली नहीं दी। बल्कि मुझे ज़्यादातर ने सही ही कहा। आप लोगों ने मेरी इज़्ज़त रख ली। दिल से शुक्रिया।

साक्षी जोशी ने आगे कहा कि इसके ठीक उलट जब भी हिंदू धर्म में कुछ ऐसा लगता है जो दिल से अच्छा नहीं लगता तो हमारे धर्म के ठेकेदार धमकाने आ जाते हैं, गाली देते हैं, सारी हदें पार कर देते हैं। इस ट्वीट पर भी कुछ हिंदू मज़े ले रहे थे। इसे कहते हैं sadistic pleasure. Intolerant कौन है ये साफ दिख रहा है।

उन्होंने कहा कि आपने मुझे गाली नहीं दी इसका शुक्रिया इससे साफ ज़ाहिर है। अपराध अपराध है जिसका धर्म से कोई लेने देना नहीं। बुरी विचारधारा शख़्स की होती है धर्म की नहीं। चूँकि ऐसे कई समझदार हिंदू भी हैं जो सही को सही और ग़लत को ग़लत कहना जानते हैं। दिलों में नफ़रत लेकर घूमने वाले समाज पर धब्बा हैं।

क्या कहा था साक्षी ने ?

दरअस्ल एक विचारधारा विशेष के एंकर ने टिप्पणी की थी कि आज शब ए बारात है लिहाजा होशियार रहें, इस पर टिप्पणी करते हुए साक्षी ने कहा कि साल 2007 में ड्यूटी से लौटते वक़्त मैं इसका अनुभव कर चुकी हूँ।भयावह स्थिति होती है सड़कों पर। ट्रैफिक पुलिस वाले देखते रहते हैं और उनकी आँखों के सामने बाइक पर ये लोग हुड़दंग मचाते हैं। ऐसा लगता है कि बस कुछ भी कर डालेंगे।त्यौहार के नाम पर ऐसे हुड़दंग से मुझे सख़्त नफ़रत है।

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