22 जनवरी को राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. एक ओर जहां हिंदुत्ववादी संगठन इसे सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, वहीं इसको लेकर मुसलमानों के मन में कुछ सवाल हैं.
राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर जहां एक ओर राजनीतिक बयानबाजी जोरों पर है, वहीं भारतीय मुसलमान भी इस घटनाक्रम पर करीबी से नजर बनाए हुए हैं. कई मुसलमानों का मानना है कि राम मंदिर का उद्घाटन कोई धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि बीजेपी का राजनीतिक कार्यक्रम है. उनका कहना है कि इससे भारत में निष्पक्ष विचारधारा वाले लोगों का आत्मविश्वास भी कम हो सकता है.
जैसे-जैसे राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख नजदीक आ रही है, मुसलमान समुदाय में कई लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है. मुसलमानों के कई धार्मिक और सामाजिक नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर समुदाय और देश के लोगों से शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करने की अपील की है.
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत रुचि ले रहे हैं. पिछले महीने अयोध्या में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने देश के हिंदुओं से 22 जनवरी को अपने घरों में राम ज्योति जलाने और दीपावली मनाने की अपील की थी. उन्होंने हिंदुओं से इस दिन अपने घरों में भी भगवान राम को याद करने का आग्रह किया.
अयोध्या दौरे के दौरान मोदी ने महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया था. साथ ही, पीएम ने 15,700 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया था.
मुसलमान समाज क्या कह रहा है
जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष, इंजीनियर मोहम्मद सलीम कहते हैं कि इस समारोह का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों और ध्रुवीकरण के लिए नहीं किया जाना चाहिए. डीडब्ल्यू हिंदी से बातचीत में मोहम्मद सलीम ने कहा, “ऐसा लगता है कि राम मंदिर का उद्घाटन बीजेपी का चुनावी कार्यक्रम और प्रधानमंत्री की राजनीतिक रैली बनकर रह गया है.”
सलीम कहते हैं, “श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने मंदिर के उद्घाटन की तुलना स्वतंत्रता दिवस से की है, जो गलत और आहत करने वाला है और यह बयान देश को धार्मिक आधार पर बांटने वाला है.”
पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने मुसलमानों से अपील की कि वे अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के उद्घाटन के मौके पर मस्जिदों, दरगाहों और मदरसों में “श्री राम, जय राम, जय जय राम” का जाप करें. उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हो, तब मस्जिदों, दरगाहों, मदरसों, चर्चों और गुरुद्वारों में शांति, सद्भाव और भाईचारे के लिए प्रार्थना का आयोजन किया जाए.