विशेष

माजरा क्या है? सारे चोर-भ्रष्ट की तस्वीर PM के ही साथ क्यों है?…क़ीमत अदा करने के लिए तैयार रहिए!

पुतिन पंडित (रशिया वाले)🚩
@putin_pandit__
पहले यहां “जैन जनरल स्टोर” हुआ करता था,जहां से मुमताज किराना समान लेती थी,

एक दिन पुराने हिसाब को ले कर जैन और मुमताज में बहस हो गया,तब शाहजहां ने गुस्से में स्टोर के ऊपर अपना ताजमहल बनवा लिया,

जिस दिन जैन राष्ट्र बन जाएगा उस दिन हम स्टोर वापस लेंगे,

हमे नहीं चाहिये ताज महल!🚩

TRUE STORY
@TrueStoryUP
जंतर मंतर पर महिला पहलवानों से मिलने पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत..

ऑफिशियल id
@RakeshTikaitBKU
से
@ArvindKejriwal
को किया ट्वीट।
धरने की बिजली पानी की व्यवस्था को लेकर कराया कर्तव्य बोध, कहा…
“देश का विदेशों तक नाम रोशन करने वाले पहलवानों की पिछले कई दिनों से बिजली कटी हुई है, दिल्ली सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वो धरने पर बिजली और पानी दे…
आंदोलनकारियों के साथ ऐसा बर्ताव उनका मनोबल नहीं तोड़ सकता, उनको ये सब इस लड़ाई में और मजबूत बनाएगा…

Aafrin
@Aafrin7866
कर्नाटक में हिंदू विरोधी बात जो बोलेगा उसे मार दिया जाएगा।
– बनस गौड़ा पाटिल, BJP विधायक
कर्नाटक पुलिस हेट स्पीच के लिए BJP विधायक पर NSA ACT के तहत मुकदमा दर्ज करेगी? इस हेट स्पीच के लिए क्या इसे गिरफ्तार करेगी?
या फिर NSA सिर्फ़ मुसलमानों के लिए ही है।

https://twitter.com/i/status/1653339687363436546

Satyapal Malik Official 🇮🇳
@SatyapalMalik1_
मोदी जी को जो आदमी फूल दे रहा है उसका नाम है संजय शेरपुरिया। पूरे 350 करोड़ की ठगी में गिरफ्तार हुआ है। क्या कोई भी ऐसे PM को रिसीव कर सकता है? क्या माजरा है? सारे चोर–भ्रष्ट की तस्वीर PM के ही साथ क्यों है?

Tajinder Singh
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सुरक्षा फ्री में नही मिलती…..
घटना शायद 2009 की होगी। मैं अपनी गाड़ी से जमशेदपुर से कलकत्ता गया हुआ था। रास्ता करीब 300 किलोमीटर का है। लौटते समय कलकत्ते से निकलते निकलते शाम हो गयी। थोड़ी देर में ही अंधेरा हो गया। रास्ते मे बंगाल झारखंड के बॉर्डर के समीप लोदहासोली का जंगल पड़ता था। जहां रात में लूट पाट होनी सामान्य सी बात थी। उस जमाने मे झारखंड बिहार में ऐसे कई क्षेत्र थे। यहां रात को एक सुरक्षित जगह पर पुलिस सभी गाड़ियों को रोक देती थी। फिर जब घण्टे दो घण्टे में गाडियो की लंबी कतार लग जाती थी तो उन्हें पुलिस सुरक्षा में असुरक्षित क्षेत्र से पार कराया जाता था। ये लोदहासोली का जंगल भी कुछ ऐसा ही क्षेत्र था।

इसी वजह से रात में गाड़ियों की आवाजाही भी कम ही रहती थी। जबकि ये बंगाल को उड़ीसा और झारखंड से जोड़ने की मुख्य सड़क थी। जंगल से गुजरते हुए मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था। अचानक देखा कि गाड़ियों की लाइन लगी है और कुछ लोग टोर्च और हथियारों के साथ रोड घेरे खड़े हैं। पीछे लौट नही सकते थे। क्योंकि लोग काफी पीछे तक रोड घेरे खड़े थे। पास पहुंचने पर लोगों ने बताया कि वो स्थानीय ग्रामीण हैं और रात भर रोड पर आपकी सुरक्षा करते हैं। इस सुरक्षा की कीमत गाड़ी के साइज के हिसाब से तय है। मेरी चूंकि हैचबैक गाड़ी थी तो मुझे 10 रुपये ही देने पड़े।

10 रुपये में ये सुरक्षा मुझे बहुत सस्ती लगी। अब मैं निश्चित होकर गाड़ी चला रहा था कि फिर आगे मुझे एक दूसरा ग्रुप मिला। यहां भी ग्रामीणों का जमावड़ा और यहां भी 10 रुपये ही लगे। करीब 20 25 किलोमीटर के फांसले के लिए मुझे चार बार अपनी सुरक्षा की कीमत चुकानी पड़ी।
बाद में पता किया तो कुछ लोगों ने बताया कि आसपास जिन गांवों के बदमाश लूटपाट किया करते थे। पुलिस ने उन्ही गांवों के ग्रामीणों को ही सुरक्षा का जिम्मा दे दिया। इससे सुरक्षा तो मिल गयी लेकिन उसकी एक कीमत चुकानी पड़ी।

वैसे ये तरीका मुझे बड़ा प्रजातांत्रिक लगा। सारी रात में बदमाश पांच दस गाड़ियों को लूट कर जो रकम कमाते थे। अब वो रकम हजारों गाड़ियों में बंट कर इतनी कम हो गयी कि किसी को इस लूट का अफसोस नही होता। बड़ी लूट से बचने के लिए 30 40 रुपये लुटाने में कोई हर्ज नही।

तो मित्रों, हमारा देश खतरे में था, हमारा राष्ट्रवाद भी खतरे में था। टुकड़े टुकड़े गैंग देश को तोड़ने में ही लगा था। पड़ोसी पाकिस्तान तो शायद देश पर कब्जे का प्लान बनाये बैठा था। सबसे बड़ी बात इस बीच बहुमत का धर्म भी खतरे में आ रहा था। शायद 50 100 साल बाद हमारा ऊपरवाला और प्रार्थना का तरीका भी बदल जाता।

इतनी सारी मुसीबतें सामने देख हम भारतीय घबरा गए और हमने “देश खतरे में है” का हल्ला मचाने वालों को ही हाकिम बना दिया। अब हमारा देश सुरक्षित, राष्ट्रवाद सुरक्षित और धर्म भी। बस इस सुरक्षा के एवज में अगर हमे पेट्रोल, गैस, शिक्षा, खाद्यान की थोड़ी ज्यादा कीमत देनी पड़ रही हो तो परेशानी किस बात की। मुझे तो ऐसा लगता है कि जैसे हर सुरक्षा की एक अलग कीमत है।

देश खतरे में था। इसकी सुरक्षा के एवज में पेट्रोल पर थोड़ा बढ़ी कीमत दे दीजिए।

राष्ट्रवाद पर हमला था। कोई बात नही, राष्ट्रवाद सुरक्षित हो जाएगा। बस थोड़ा गैस सिलेंडर के दाम बढाने होंगे।

अब तो हाल ये है कि नागरिक बताए सही कि उसको कौन सी सुरक्षा चाहिए। तत्काल सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। बस उसकी कीमत अदा करने के लिए तैयार रहिए।

डिस्क्लेमर : ट्वीट्स में व्यक्त विचार लोगों के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है