वैश्विक स्तर पर पिछले एक दशक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों ने स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौतियां खड़ी की हैं। साल 2019 के आखिर के महीनों में शुरू हुई कोरोना महामारी को इसकी गंभीरता और जटिलताओं को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। कोरोना के मामले तो अब काफी नियंत्रित हैं, लेकिन अब एक और बीमारी विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा रही है।
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The WHO declares Monkeypox a global emergency; a new kind of #Mpox. Monkeypox is airborne and can lead to serious issues/death and some people are already saying do not comply. JFC, Can we get a month without some world-ending bullshit!?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अफ्रीकी महाद्वीप में इन दिनों मंकीपॉक्स संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसे एमपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। इस साल अफ्रीका में 14,000 से अधिक मामले और 524 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। एमपॉक्स के खतरे को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने बुधवार (14 अगस्त) को इसे ‘वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल’ घोषित कर दिया है। गौरतलब है कि साल 2022 के बाद से दूसरी बार एमपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि एमपॉक्स के मामले दूसरे महाद्वीपों में भी फैल सकते हैं, ऐसे में इसको लेकर सभी लोगों को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।
अफ्रीकी देशों में बढ़ा खतरा
अफ्रीका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (अफ्रीका सीडीसी) के प्रमुख जीन कासेया ने एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “मैं नागरिकों की सेहत को लेकर काफी गंभीर हूं। लोगों के स्वास्थ्य के प्रति अडिग प्रतिबद्धता के साथ हम एमपॉक्स को महाद्वीपीय सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करते हैं। सीडीसी के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 से 4 अगस्त तक अफ्रीका में एमपॉक्स के 38,465 मामले और 1,456 मौतें हुई हैं।
Today, the Emergency Committee on #mpox met and advised me that in its view, the situation constitutes a public health emergency of international concern. I have accepted that advice.@WHO is on the ground, working with the affected countries, and others at risk, through our…
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) August 14, 2024
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ . टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने कहा, एमपॉक्स को लेकर आपातकालीन समिति ने बैठक की और मुझे सलाह दी कि यह अंतरराष्ट्रीय चिंता विषय है। मैंने इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने की सलाह को स्वीकार कर लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन जमीनी स्तर पर काम कर रहा है और प्रभावित देशों और जोखिम वाले अन्य लोगों के साथ काम कर रहा है।
आइए जानते हैं कि एमपॉक्स संक्रमण क्या है और इसके कारण किस प्रकार की जटिलताओं का खतरा हो सकता है?
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Seven important instruction To Prevent Mpox: #BREAKING
#Mpox | #monkeypox
1. Avoid close contact with individuals showing symptoms.
2. Don’t touch skin lesions or rashes.
3. Wash hands frequently with soap and water.
4. Use personal protective equipment (PPE) like masks and gloves.
5. Avoid sharing bedding, towels, or clothing.
6. _Clean and disinfect frequently touched surfaces.
7. Avoid contact with infected animals (if animal transmission is suspected).
Stay Safe, Stay Healthy!
पिछले साल भी फैला था मंकीपॉक्स का संक्रमण
गौरतलब है कि इससे पहले पिछले साल जुलाई-सितंबर के महीनों में संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में भी एमपॉक्स ने लोगों को खूब परेशान किया था। भारत में भी कोरोना संक्रमण के दौरान पहली बार इसके मामले रिपोर्ट किए गए थे।
मंकीपॉक्स के जोखिमों को देखते हुए डब्ल्यूएचओ की यूरोप शाखा ने इलीमिनेट एमपॉक्स नाम से एक कैंपेन भी चलाया है, जिसमें टीकाकरण और बचाव को लेकर लोगों को अलर्ट करने पर जोर दिया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा था टीकाकरण करवाना बहुत महत्वपूर्ण है। कोई भी टीका 100% प्रभावी नहीं है और टीकाकरण के बाद भी संक्रमण संभव है, लेकिन इसका लाभ ये है कि संक्रमण के कारण रोग गंभीर रूप नहीं लेता है और अस्पताल में भर्ती होने की आशंका कम हो सकती है।
मंकीपॉक्स संक्रमण के बारे में जानिए
एमपॉक्स या मंकीपॉक्स रोग, मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है। इसमें त्वचा पर बड़े-बड़े छाले होने का साथ लिम्फ नोड्स में सूजन और बुखार की समस्या हो सकती है। इसका प्रकोप मुख्यरूप से समलैंगिक, बाइसेक्सुअल लोगों में अधिक देखा जाता रहा है। हालांकि रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने एक रिपोर्ट में अलर्ट किया था कि यौन संबंधों के अलावा भी इस संक्रमण को जोखिम कई और तरीके से हो सकता है, जिसको लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है।
संक्रमण से बचाव कैसे करें?
एंटीवायरल दवा टेकोविरिमैट (TPOXX) जो मूल रूप से चेचक के लिए है, इसका एमपॉक्स के उपचार के लिए अध्ययन किया जा रहा है। यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में गंभीर एमपॉक्स मामलों के लिए जेएनएनईओएस (जिसे इम्वाम्यून या इम्वेनेक्स के रूप में भी जाना जाता है) नामक चेचक के टीके को भी मंजूरी दे दी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के घावों, शरीर के तरल पदार्थ या खांसने-छींकने से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से भी ये संक्रमण हो सकता है। इससे बचाव को लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: तीसरी जंग हिंदी के लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
BREAKING: WHO DECLARES GLOBAL HEALTH EMERGENCY OVER MPOX OUTBREAK
The WHO has declared a global health emergency as Mpox, previously known as monkeypox, spreads rapidly across 13 African countries, including the DRC, where 14,000 cases and 524 deaths have been reported.
This marks the second time in three years Mpox has reached emergency status.
Source: The New York Times