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भारत का जवाब पाकिस्तान के लिए अवसर है कि वह सोचे कि उसकी ज़मीन पर आतंक क्यों पनप रहा है!!ravish kumar!!

ravish kumar
@ravishndtv
भारत का जवाब पाकिस्तान के लिए अवसर है कि वह सोचे कि उसकी ज़मीन पर आतंक क्यों पनप रहा है। आतंकी अड्डे होने का अपराध बोध उस पर किसी बम से भारी पड़ना चाहिए। उसे अपने भीतर की इस अराजकता और छद्म लोकतंत्र का प्रतिकार करना चाहिए। सेना ज़रूरी है लेकिन सरकार चलाने के लिए नहीं। जहां भी सेना सरकार बन जाती है या सेना में सरकार घुस जाती है वहाँ अराजकता और आतंक को ही अवसर मिलता है। अतः भारत का यह संयमित जवाब उसके भीतर एक लोकतांत्रिक और व्यवस्थित देश बनाने की लड़ाई का अवसर होना चाहिए। पाकिस्तान को अपने भीतर जवाब खोजना चाहिए।

दुनिया युद्ध का विरोध कर रही है, करना भी चाहिए, युद्ध किसी के हक में नहीं होता है। आप कहें या न कहें यही साबित बात है। बार-बार आतंकी हमले जवाबी हमले का कारण बनेंगे। युद्ध की आशंका को जन्म देंगे। दुनिया को मिल कर आतंकी अड्डों की समाप्ति का स्थायी रास्ता निकालना चाहिए।

26 भारतीय और एक नेपाली नागरिक ने अपने लिए एक अदद छुट्टी चाही थी। उनके जीवन को तबाह करने का ख़्याल अपराध है।उन्होंने बिना युद्ध के अपनों को खोया।

तमाम नफरती उकसावों को किनारे कर देश की एकजुटता इसी बात को लेकर रही कि जवाब दिया जाना चाहिए। जवाब दिया गया। इसकी आवाज़ कश्मीर से भी आई। आतंकी हमले ने उनके पेट पर हमला किया था। एक झटके में काम धंधा बंद हो गया। विपक्ष भी मजबूती से खड़ा रहा और सरकार ने जवाब देकर इस भावना का सम्मान भी किया।

पहलगाम हमले का दुख उल्लास में नहीं बदला जा सकता। कम भी नहीं हो सकता। सरकार के इस जवाब को लेकर उन्माद में बदलने का उद्योग नहीं होना चाहिए। यह सटीक और संयमित जवाब के पराक्रम को हल्का करेगा। इसी वक्त में उन्माद से बचा जाना चाहिए। युद्ध के विनाश की बात करने वालों को भी सुना जाना चाहिए। लोकतंत्र को स्थगित करने की चाह से बचना चाहिए

इस जवाब को संक्षेप में भी कहा जा सकता है। दो शब्दों में भी। जय हिंद।

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