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बौद्ध सभ्यता 8000 साल से ज़्यादा प्राचीन है

Kranti Kumar
@KraantiKumar
सिंधु घाटी की सभ्यता आस्ट्रो-,द्रविड़ों की ही है. दरअसल बौद्ध सभ्यता का क्रमश विकास हुआ है. बौद्ध सभ्यता में कई चीजें बाद में जुड़ी हैं और कई चीजें हटी हैं.

महान इतिहास और भाषा वैज्ञानिक डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह का कहना है : वृक्ष और पीपल की पूजा आस्ट्रो-द्रविड़ों की है. इस एक लाईन पूरा इतिहास पलट दिया है.

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हंटर ने लिखा है संथालों के बीच बौद्ध धर्म प्रचलित था. आज भी कई आदिवासी : मोंपा, तमांग, मेंबास, खमती और सिंगपो सभी बौद्ध हैं.

बौद्ध सभ्यता की आदिम विशेषताएं आदिवासी समाज में है. बौद्ध सभ्यता का आरंभिक विकास आदिवासियों ने ही किया.

बौद्ध सभ्यता का विकास हज़ारों साल में हुआ है, कई पीढ़ियों ने, कई लोगों ने इसके विकास में योगदान किया है. बौद्ध सभ्यता 8000 साल से ज्यादा प्राचीन है.

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Kranti Kumar
@KraantiKumar
आप लोग मुझे कितना भी अपमानित करें, मैं मनुवाद, जातिवाद और साम्प्रदायिक हिंसा के खिलाफ लड़ता रहूंगा. BJP RSS को बेनकाब करता रहूंगा.

आरक्षण और जाति जनगणना के पक्ष में लिखता रहूंगा. एक बार नही, हज़ार बार लिखूंगा सिंधु घाटी सभ्यता बौद्ध सभ्यता थी.

और बौद्ध सभ्यता सबसे प्राचीनतम सभ्यता है, तकरीबन 8000 साल पुरानी है.

मैं ढोल बजा बजा कर सुनाता रहूंगा, नंद वंश और मौर्य काल में जाति वर्ण अव्यवस्था नही थी. और चाणक्य काल्पनिक चरित्र है.

हे जुपिटर देवता : मैं आपको 10 खसी, 5 भेड़ और 1 कड़कनाथ मुर्गा का चढ़ावा चढ़ाऊंगा. BJP IT सेल वालों से मेरी रक्षा करना. आप के सिवा इस गोला पर मेरा कौन है, जय जुपिटर देवता.

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Kranti Kumar
@KraantiKumar
Shalini Kapoor Tiwari : आरक्षण जिस मकसद से दिया गया था, क्या वो मकसद पूरा हुआ है. आरक्षण का लाभ तो गरीब SC ST को नही मिल पा रहा है.

Ramdas Athavle : आपकी बात सही है, जो लोग आरक्षण का लाभ ले चुके हैं अब उन्हें कहना चाहिए अब हम आरक्षण का लाभ नही लेंगे.

रामदास आठवले ने भी आरक्षण व्यवस्था का ना मुखर होकर बचाव किया, ना ही आरक्षण का मूल मक़सद समझा पाए.

शालिनी जैसे ब्राह्मणों को जातिवाद पर नही केवल आरक्षण पर चर्चा से मज़ा आता है. आरक्षण कोई गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नही है. आरक्षण प्रतिनिधित्व है.

आरक्षण हमें डॉ बाबा साहेब आंबेडकर ने दिया है. मंडल आयोग ने दिया है. वीपी सिंह और अर्जुन सिंह ने दिया. किसी रामदास आठवले या शालिनी ने नही दिया.

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Kranti Kumar
@KraantiKumar
OBC SC-ST नेताओं को जब कोई बहुजन समाज का यूटूबर अपने पॉडकास्ट में बुलाता है तो वो जाने में आना कानी करते हैं.

बहुजन यूटूबर : जय भीम सर… सर प्लीज़ पॉडकास्ट के लिए समय दीजिए.

बहुजन नेता : ऊ का है हमको सर्दी जुकाम है और पेचिस भी हो रहा है.

ब्राह्मण यूटूबर : हेलो… क्या आप हमारे पॉडकास्ट में आना चाहेंगे, सुना है आपकी तबियत ठीक नही है.

बहुजन नेता : नही नही…. हम बिल्कुल ठीक हूँ, पॉडकास्ट में बेइज़्ज़त होने, अपमानित होने और तिरस्कृत होने कब आना है ?

Shubhankar Mishra ने आक्रामक तेवर में Chandrashekhar से सवाल पूछा. ऐसा वो अन्य पर्सनालिटी के साथ नही करते.

डिस्क्लेमर : लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं!