https://www.youtube.com/watch?v=FZRx6L9KKWs ज़ोमर आयतें 54-58 وَأَنِيبُوا إِلَى رَبِّكُمْ وَأَسْلِمُوا لَهُ مِنْ قَبْلِ أَنْ يَأْتِيَكُمُ الْعَذَابُ ثُمَّ لَا تُنْصَرُونَ (54) وَاتَّبِعُوا أَحْسَنَ مَا أُنْزِلَ إِلَيْكُمْ مِنْ رَبِّكُمْ مِنْ قَبْلِ أَنْ يَأْتِيَكُمُ الْعَذَابُ بَغْتَةً وَأَنْتُمْ لَا تَشْعُرُونَ (55) इन आयतों का अनुवाद हैः और अपने परवरदिगार की तरफ पलटो और उसी के आज्ञाकारी बन जाओ (मगर) उस वक्त […]
सूरे रूम पवित्र क़ुरआन का तीसवां सूरा है। यह सूरा मक्के में उतरा है। जिस वक़्त पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम मक्के में थे और वहां पर ईश्वर पर आस्था रखने वाले मोमिन बंदे अल्पसंख्या में थे, उस वक़्त ईरानियों और रोमियों के बीच जंग हुयी जिसमें ईरानी विजयी हुए। मक्के […]
वह अर्थात ईश्वर वही है जिसने दो समुद्रों को एक दूसरे से मिलाकर रखा है, एक का पानी मीठा और दूसरे का खारा और उन दोनों के मध्य एक दीवार बना दिया है कि एक दूसरे से मिश्रित न हों।“ पवित्र कुरआन की इस आयत में उसकी महानता की अदभुत निशानी का उल्लेख है और […]