धर्म

पैग़म्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं, पांच चीज़ को पांच चीज़ से पहले ग़नीमत समझो!

पार्सटुडे- इस बात में कोई संदेह नहीं है कि समय इंसान की बहुत बड़ी और अद्वितीय पूंजी है और उसका सही लाभ उठाकर हर क्षेत्र में प्रगति की जा सकती है और भौतिक और आध्यात्मिक प्रगति की बड़ी से बड़ी चोटी को सर किया जा सकता है।

समय यानी घंटों, दिनों, महीनों, सालों यहां तक मिनटों और सेकेंडों। समय से लाभ उठाना बहुत बड़ी तौफ़ीक़ है जो इंसान को नसीब होती है और वह बड़े- बड़े उद्देयों को प्राप्त कर सकता है और हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर सकता है।

यहां हम समय के महत्व के बारे में पैग़म्बरे इस्लाम और उनके उत्तराधिकारी हज़रत अली अलैहिस्सलाम की कुछ सिफ़ारिशों का उल्लेख कर रहे हैं।

पैग़म्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं

अपनी उम्र के संबंध में अपने दिरहम और दीनार से भी अधिक कंजूस रहो।

पैग़म्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं

पांच चीज़ को पांच चीज़ से पहले ग़नीमत समझो

मौत से पहले ज़िन्दगी, बीमारी से पहले स्वास्थ्य,काम में व्यस्त होने से पहले ख़ाली समय, बुढ़ापे से पहले जवानी और फ़क़ीरी व ग़रीबी से पहले अमीरी को ग़नीमत समझो।

पैग़म्बरे इस्लाम के उत्तराधिकारी हज़रत अली फ़रमाते हैं

आज के दिन से कल के लिए कुछ कर लो, अधिक समय को ग़नीमत समझो और समय से लाभ उठाओ।

पैग़म्बरे इस्लाम के उत्तराधिकारी हज़रत अली फ़रमाते हैं

जो तुम्हारी ज़िन्दगी बची है उससे जो छूट गया है उसकी भरपाई करो, आज-कल व टालमटोल न करो। क्योंकि अतीत व पहले के लोग आजकल व टालमटोल के कारण बर्बाद हो गये यहां तक कि अचानक मौत आ पहुंची और वे बेख़बर थे।

हज़रत अली फ़रमाते हैं

संभव से पहले उतावनापन और समय होने के बाद संभावना को खो देना नादान इंसान की अलामत है।

हज़रत अली फ़रमाते हैं

जो चीज़ तुम्हारे लिए बाक़ी नहीं रहेगी उस चीज़ में अपनी उम्र बर्बाद न करो। क्योंकि गया व बीता हुआ समय वापस नहीं आयेगा।