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खुले में जुमे की नमाज़ पढ़ने पर शाहनवाज़ हुसैन ने कहा नमाज़ तो मस्जिद में पढ़ी जाती है,मैदान में नही

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के पुराने वफ़ादारा और राष्ट्रीय प्रवक्ता सय्याद शाहनवाज़ हुसैन ने इन दिनों काफी चर्चाओं में चल रहे जिन्ना की तस्वीर के मुद्दे पर खुलकर अपने विचार प्रकट करे हैं,तथा खुले में जुमे की नमाज़ पढ़ने पर हरियाणा सरकार के फैसले पर भी अपने विचार रखे।

अलीगढ़ में हज़ारों छात्र धरने बैठे हुए हैं जिस पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में जिन्ना फोटो को लेकर कहा है कि बंटवारे के वक्त जब पाकिस्तान को काफी कुछ दिया गया तो उसी समय यह फोटो भी उन्हें सौंप देनी चाहिए थी, उसकी यहां पर कोई जरूरत नहीं है।

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि मोहम्मद अली जिन्ना बंटवारे के प्रतीक हैं। वह 1947 में हुए बंटवारे में लाखों लोगों का खून बहाने के लिए जिम्मेदार हैं। भारत का हिंदू या मुसलमान कोई भी जिन्ना को पसंद नहीं करता।

एएमयू में जिन्ना की फोटो पर उठे विवाद पर उन्होंने कहा कि जब देश का बंटवारा हुआ तब रिजर्व बैंक से बहुत सारा पैसा वहां गया। जमीन और जायदाद भी उन्हें बड़ी संख्या में दी गई। एएमयू को जिन्ना वाली फोटो भी सीधे पाकिस्तान पहुंचा देनी चाहिए थी।

आखिर उस फोटो की अब यहां क्या जरूरत है और यह एएमयू में क्यों लगे? उन्होंने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ी को देश का बंटवारा करवाने वाले जिन्ना की याद क्यों करवाई जाए? जिन्ना की तस्वीर से लोगों की इतनी मोहब्बत क्यों हैं? इस देश में कोई भी जिन्ना को अपना नहीं मानता।

वो किसी के आदर्श नहीं हैं। उनकी तस्वीर की कोई जरूरत नहीं है। अगर मुझे पहले इस फोटो की जानकारी होती तो मैं भी इस मुद्दे को उठाता, आखिर देश में इस फोटो की जरुरत क्यों है?

सार्वजनिक स्थलों पर नमाज नहीं पढ़ने को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान पर शाहनवाज हुसैन का कहना है कि नमाज तो मस्जिद में होती है जबकि ईद और बकरीद की नमाज ईदगाह में होती है।

लेकिन नमाज के वक्त लोग प्लेटफार्म पर हुए तो वहां भी लोग नमाज पढ़ते हैं। भारतीय संस्कृति में हिंदू समाज के लोग उनका बहुत आदर करते हैं।

खट्टर साहब ने यही कहा है कहीं पर सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढ़ रहे हैं तो सरकार के संज्ञान में लाएं तो पूरी सुरक्षा होगी। कोई रोक टोक नहीं लगाया जाएगा। अपना देश है सबको पूजा पद्धति पर चलने का पूरा अधिकार है।