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औरत का हुस्न : عورت کے حسن کی کوئی مثال اس کائنات میں نہیں

Farooque Rasheed Farooquee
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. औरत का हुस्न
महकते चमन, हसीन फूल, ख़ूबसूरत कलियाॅं, खिलते कचनार, आसमान की नीली वादी और उसके चराग़, शीतल पवन के झोंके, रिमझिम बरसात, बलंदियों से गिरते हुए झरने, चहकते हुए परिंदे, फूलों और दरख़्तों से सजे पहाड़, पहाड़ों की हरी-भरी वादियाॅं, सर्दियों का दिलकश अहसास, बसन्त की ख़ूबसूरती, सावन की बहारें, गर्मियों की चाॅंदनी रातों का हसीन और पुरसुकून मंज़र, गीत और संगीत का जादू —— किसी से औरत के हुस्न की मिसाल नहीं दी जा सकती। औरत के हुस्न की कोई मिसाल कायनात में नहीं है। वो ऐसा हुस्नो-जमाल है जिसे देखकर अल्फ़ाज़ गुम हो जाते हैं, दिल की धड़कनें थम-सी जाती हैं और इंसान अपना वुजूद भूल जाता है। औरत का हुस्न आंखों का नूर है, दमाग़ का सुरूर है, दिल का सुकून है, ग़ज़ल की आबरू है और धरती का निखार है। यही हुस्न है जो ज़िन्दगी की मुश्किल राहों का अंधेरा दूर करता है और उन्हें हमवार करता है। यही हुस्न जिसे पाने की कोशिश में लोगों ने इंसानी इतिहास के लाखों सफ़हे ख़ून से रंग दिए। हुस्न अपनी तारीफ़ में मुकम्मल है लेकिन इसमें बहुत-सी ख़ूबियाॅं मिल सकती हैं। हुस्न में मोहब्बत है, बर्दाश्त है, सब्र है, चट्टानों से टकराने का हौसला है। अगर सॅंवर जाए तो यह हुस्ने-ज़ाहिर भी है और हुस्ने-बातिन (अन्दरूनी ) भी। मर्द के लिए सुकून इस दुनिया में औरत की ज़ात में रखा गया है। इस हुस्न के मुक़ाबले में अक़्ल हैरतज़दा है, हथियार कुंद हैं और अल्फ़ाज़ को ज़बान नहीं मिलती।
(फ़ारूक़ रशीद फ़ारूक़ी)

سرور کائنات ہے صنف نازک!
مہکتے چمن، حسین پھول، خوبصورت کلیاں، کھلتے کچنار، آسمان کی نیلی وادی اور اس کے دمکتے چراغ، شیتل پون کے جھونکے، رم جھم برسات، بلندیوں سے گرتے ہوئے‌ آبشار، چہکتے پرندے پھولوں اور درختوں سے آراستہ پہاڑ، پہاڑوں کی ہری بھری وادیاں، سردیوں کا دلکش احساس، بسنت کی خوبصورتی، ساون کی بہاریں چاندنی راتوں کا حسین اور پرسکون منظر، نغمہ و موسیقی کا سحر و خمار، کسی سے صنف نازک کے حسن کی تشبیہ ممکن نہیں۔ عورت کے حسن کی کوئی مثال اس کائنات میں نہیں ہے۔ وہ ایسا حسن و جمال ہے جسے دیکھ کر الفاظ گم ہو جاتے ہیں دھڑکنیں تھم سی جاتی ہیں اور انسان اپنا وجود بھول جاتا ہے ۔عورت کا حسن انکھوں کا نور ہے، دماغ کا سرور ہے، دل کا سکون ہے، غزل کی آبرو ہے، دھرتی کا نکھار ہے، یہی حسن ہے جو زندگی کی دشوار گزار راہوں کی تاریکیاں دور کرتا ہے اور انہیں ہموار کرتا ہے۔ اسی حسن کو حاصل کرنے کی کوشش میں لوگوں نے انسانی تاریخ کے لاکھوں صفحات خون سے رنگ دیے۔ حسن بذات خود جامع ہے اور کسی اضافی تعریف سے بے پروا ہے مگر اس میں بے شمار خوبیاں ہو سکتی ہیں۔ اس میں محبت ہے، برداشت ہے، صبر ہے، چٹان کا سا حوصلہ ہے۔ اگر یہ سنور جائے اور نکھر جائے تو یہ حسنِ ظاہر بھی ہے اور حسنِ باطن بھی۔ مرد کے لئے سکون اس دنیا میں اللہ نے عورت کی ذات سے وابستہ کیا ہے۔ اس حسن کے مقابل عقل حیرت زدہ ہے ہتھیار کند ہیں اور الفاظ کو زبان نہیں ملتی۔
(فاروق رشید فاروقی)