उत्तर प्रदेश राज्य

अलीगढ़ : अलीगढ़-गोड़ा मार्ग न बनने पर किसान भड़क गए और पीडब्ल्यूडी दफ़्तर पर ताला जड़ दिया!

मौजूदा समय में अलीगढ़-गोड़ा मार्ग चलने काबिल नहीं है। बीस किलोमीटर के इस मार्ग में दस किलोमीटर का हिस्सा तो बेहद जर्जर हो चुका है। इस मार्ग से 30 गांव जुड़े हैं लेकिन इस सड़क के निर्माण पर न तो जनप्रतिनिधि ही ध्यान दे रहे हैं और न ही प्रशासन। पिछले छह महीने से की जा रही मांग के बावजूद भी जब कोई हल नहीं निकला तो किसान भड़क गए और पीडब्ल्यूडी दफ्तर पर ताला जड़ दिया। पांच घंटे तक एक्सईएन को बंधक बना लिया। घंटों यहां हंगामा हुआ। बाद में एडीएम सिटी किसानों के बीच पहुंचे और जल्द निर्माण का आश्वासन देकर किसानों को शांत कराया।

11 नवंबर सुबह को बड़ी संख्या में किसान लोकनिर्माण विभाग के कार्यालय पर पहुंचे। यहां जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों की भीड़ को देख यहां अफरातफरी मच गई। किसानों ने ऐलान किया कि जब पीडब्ल्यूडी वाले सड़क का निर्माण नहीं करा सकते तो दफ्तर किस काम का। दफ्तर पर ताला लगा दिया। जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी।

भाकियू चढूनी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र पाल सिंह ने कहा है कि पिछले छह महीने से क्षेत्र के ग्रामीण व किसान अफसरों और नेताओं के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अलीगढ़- गोंडा मार्ग का निर्माण नहीं हो रहा है। आए दिन हादसे हो रहे हैं और इन हादसों में लोग अपनी जान तक गंवा रहे हैं। भाकियू टिकैत के मंडल प्रवक्ता सत्यवीर सिंह सत्तो ने कहा के रोड पर प्रतिदिन कोई न कोई हादसा होता है।

इस बीच यहां पहुंचे अधिशासी अभियंता के जवाब से किसान संतुष्ट नहीं और उन्हें अपने बीच में बंधक बनाकर बिठा लिया। वरिष्ठ अफसरों को बुलाने की मांग गूंजने लगी। कुछ ही देर में सिटी मजिस्ट्रेट रामशंकर, एसीएम व सीओ माैके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत कर उन्हें समझाया ।

हंगामा करते किसान
अधिशासी अभियंता संजीव पुष्कर ने बताया कि वित्त विभाग से अनुमति मिल चुकी है, शासन से पैसा आना बाकी है। दो माह में काम शुरू होगा। जिस पर किसान सहमत नहीं हुए और अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान किया गया। इसके बाद अपर जिलाधिकारी नगर अमित कुमार भट्ट किसानों के बीच पहुंचे और गुस्साए किसानों को शांत कराया। उन्होंने आश्वासन दिया कि 23 नवंबर को चुनाव है इसके बाद 25 नवंबर तक सड़क पर कार्य प्रारंभ कराया जाएगा।

इस दौरान अरविंद चौधरी, जिला प्रभारी गवेंद्र सिंह, मुनेश पाल सिंह, आलोक सिंह, कौशल कुमार सिंह, देवराज सिंह चौधरी, इंद्रपाल सिंह चौधरी, राकेश सिंह, हरिओम सिंह, छोटेलाल सिसोदिया, लालाराम सिसोदिया, भोला चौधरी, वीरपाल सिंह, गोपाल दास शैंकी, विवेक प्रताप सिंह आदि थे।