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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बार फिर से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर निशाना साधा!.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बार फिर से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर निशाना साधा है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी एक एक्स पोस्ट में उपराष्ट्रपति को निशाने पर लेते हुए लिखा, “निष्पक्षता की परंपरा आपके (राज्यसभा के सभापति) कार्यकाल में पूरी तरह से खंडित हो गई.”

उन्होंने यह भी लिखा है कि विपक्ष का गला घोंटना अब राज्यसभा में संसदीय प्रक्रिया का नियम भी बन गया है.

बता दें कि उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के सभापति भी होते हैं. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है.

कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक़, राज्यसभा में संसद की मर्यादाओं तथा नैतिकता आधारित परंपराओं का हनन अब दिनचर्या बन गई है और प्रजातंत्र को कुचलने तथा सत्य को पराजित करने की कोशिश लगातार जारी है.

साथ ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ बिंदुओं को देश के समक्ष उठाने की बात कही है.

क्या हैं वे बिंदु

– उपराष्ट्रपति राज्यसभा में विपक्ष को लगातार टोकते हैं और अपनी बात पूरी करने का मौक़ा नहीं देते हैं. वह सत्ता पक्ष के सांसदों, मंत्रियों और प्रधानमंत्री को कुछ भी कहने देते हैं. जबकि विपक्ष पर अपनी बात को सुबूतों के आधार पर प्रमाणित करने को कहा जाता है और ऐसा नहीं करने पर कार्यवाही करने की धमकी दी जाती है.

– उपराष्ट्रपति ने अपने अधिकारों का ग़लत इस्तेमाल किया है और कई बार बड़ी संख्या में विपक्षी सांसदों को सस्पेंड किया है. साथ ही वो सदन के बाहर भी विपक्षी नेताओं की आलोचना कर चुके हैं.

– उपराष्ट्रपति भाजपा की दलीलों को दोहराते हैं. वह पद पर रहते हुए आरएसएस की तारीफ़ भी करते हैं. जो कि संसदीय परंपरा और संविधान की भावना के ख़िलाफ़ है.

– वह मनमाने ढंग से विपक्षी सदस्यों के भाषणों को संसद के रिकॉर्ड से हटवा देते हैं. जबकि सत्ता पक्ष के सदस्यों की बेहद आपत्तिजनक बातों को भी रिकॉर्ड पर रहने देते हैं.

– सभापति के कार्यकाल के दौरान संसद टेलीविजन का कवरेज बिल्कुल एकतरफ़ा है. ज़्यादातर समय केवल सत्ता पक्ष के लोग दिखाए जाते हैं. विपक्ष के किसी भी आंदोलन को ब्लैकआउट कर देते हैं.

– सभापति ने कई फैसले बिल्कुल मनमाने ढंग से लिए हैं.

– विपक्षी सदस्यों को मंत्रियों के स्टेटमेंट पर अब सवाल नहीं पूछने देते है.