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Video: तुर्की क़ुरआन पाक हिफ़्ज़ करने वाली लड़कियों को भेजेगा उमराह पर-एर्दोगान के बेटे ने सोने के सिक्के देकर किया सम्मानित

नई दिल्ली: क़ुरआन पाक अल्लाह का कलाम है जो दुनिया में अल्लाह की तरफ से पूरी दुनिया के लिये मार्गदर्शन का एक मात्र स्रोत है,अल्लाह ने इस को ये विशेषता दी है कि इसको याद किया जासकता है ,सीने में बसाया जासकता है,एक 70 साल का बूढ़ा भी इसको याद कर सकता है और 7 साल का बच्चा भी।

क़ुरआन पाक के हाफ़िज़ को अल्लाह क़यामत के दिन खास इनामात से नवाज़ेगे उनको हीरे मोती के टीलों पर बिठाया जायेगा, तथा वे अपने माँ बाप की बख्शिश का जरिया बनेंगे।

तुर्की दुनिया में इस्लामी शिक्षा और संस्क्रति को बढ़ावा देने में दुनिया का नम्बर वन देश है ,जो सऊदी अरब से भी ज़्यादा इस्लाम की खिदमत अंजाम दे रहा है,तुर्की में शरीयत को बढ़ावा देने के लिये यूनिवर्सिटी और रिसर्च सेंटर क़ायम हैं।

पिछले दिनों तुर्की सरकार ने हिफ़्ज़ क़ुरआन करने वाले दो हज़ार हाफिजों को सरकार की तरफ से उमराह कराया था,ताकि उनका सम्मान हो सके और तुर्की में क़ुरआन पाक को हिफ़्ज़ करने का रिवाज ज़्यादा से ज़्यादा होजाये।

इस बार 19 के लगभग क़ुरआन पाकिस्तान को हिफ़्ज़ करने वाली लड़कियों को तुर्की की राजधानी इस्तंबूल में राष्ट्रपति तय्यब एर्दोगान के बेटे बिलाल एर्दोगान ने हर एक हाफ़िज़ा को सोने के सिक्के देकर सम्मानित किया और सबको उमराह पर भेजने का ऐलान किया।