गाजा : सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो सर्कुलेट हो रहे हैं जिसमें फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों को पीठ में गोली मार रहे हैं या इजरायल के बंदूकधारियों द्वारा नमाज पढ़ते वक्त गोलियां चला रहे हैं और स्नाइपर द्वारा मार दिया जा रहा है। आप इस वीडियो में देख सकते हैं कि कैसे जालिम पीठ पीछे गोलियां चला कर फिलिस्तीनियों की हत्या की जा रही है।
वीडियो में, एक प्रदर्शक रिश्तेदारों द्वारा 19 वर्षीय Abdelfattah Abdelnabi पहचान गया है। गाजा पट्टी और इसराइल सीमा से दूर चलने के दौरान पीछे से गोली मार दी गई है। फुटेज में प्रदर्शनकारियों के एक छोटे से समूह से अब्देलनबी और एक अन्य फिलीस्तीनी निहत्थे सिर्फ कुछ मीटर दूर हैं। इजराइली स्नाइपर द्वारा गोली चलाई जाती है और अब्देलनबी फर्श पर गिर जाता है। फिलीस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब्देलनबी गंभीर जख्मी होने की वजह से मर गया। इज़राइली मीडिया के मुताबिक, योजनाबद्ध प्रदर्शनों के लिए सीमा पर 100 से अधिक स्नाइपर तैनात किए गए थे।
"Only one side fired ALL the bullets, ALL the mortar shells, ALL the tear gas."
Here's why people are angry at the way the media covered Friday’s attack in Gaza on #LandDay. pic.twitter.com/fUaNWGnhhv
— Al Jazeera English (@AJEnglish) April 1, 2018
एक अन्य वीडियो में, एक नमाजी फिलिस्तीनी को उसके दाहिने पैर में गोली मार दी गई, जब वह असर की नमाज इजरायल सीमा की बाड़ के पास अदा कर रहा था। और सारे नमाजी कवर करने के लिए वहां से हटने के पहले अपनी नमाज को रोकना पड़ा।
https://youtu.be/6ovAxPnUImQ
तीसरे वीडियो में, एक निहत्थे फिलीस्तीनी लड़की को गोली मार दी गई क्योंकि उसने सीमा के निकट एक फिलीस्तीनी ध्वज लहराया था यह स्पष्ट नहीं था कि उसे कितना चोट लगीं। उस वीडियो को स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी।
शुक्रवार को कम से कम 17 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और 1,400 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इजरायली सेना ने फिलिस्तीनियों के विरोध में गोलाबारी, आंसू गैस और रबड़ से बने इस्पात की गोली से फिलिस्तिनियों को गोली मारी। ग्रेट मार्च ऑफ़ रिटर्न’ शुक्रवार 30 मार्च से शुरू हो रहा है. फ़लस्तीनी इस दिन को ‘लैंड डे’ के तौर पर मनाते हैं. साल 1976 में इसी दिन ज़मीन पर कब्ज़े को ले कर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान इसराइली सुरक्षाबलों में छह फ़लस्तीनियों को शहीद कर दिया था।
Israeli soldiers have killed unarmed Palestinian protesters in Gaza, making international headlines. But has the coverage been balanced? pic.twitter.com/MxTWytxlFS
— TRT World (@trtworld) April 1, 2018
गज़ा सीमा के साथ-साथ नो-गो ज़ोन बनाया गया है. सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इसराइली सेना लगातार इसकी निगरानी करती है. इसराइल में चेतावनी दी है कि कोई भी इस ज़ोन में क़दम ना रखे.
इसराइली विदेश मंत्रालय ने कहा है, “इस विरोध प्रदर्शन के ज़रिए वो जानबूझ कर इसराइल के साथ झगड़ा बढ़ाना चाहता है” और “अगर किसी तरह की कोई झड़प हुई तो इसले लिए हमास और प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले फ़लस्तीनी संगठन ज़िम्मेदार होंगे.”
अब्देलनबी का भाई,ने कहा कि उनके भाई ” अपने देश में लौटने को देखने के लिए अपने देश को देखने के लिए प्रदर्शन में चले गए – लेकिन उन्होंने हिंसा से जवाब दिया
“उनके पास कोई हथियार नहीं था, और फिर भी उन्होंने हिंसा के साथ उन पर हमला किया। यह हमारे मूल्यों को लौटने के लिए हमें देना पड़ता है,”।
आदाला, इसराइल में फिलीस्तीनी अधिकारों के लिए एक कानूनी केंद्र, ने इजरायल की सैन्य शक्ति का इस्तेमाल करने की निंदा की, इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कहा है।समूह ने एक बयान में कहा, “निहत्थे नागरिकों पर बंदूक चलाना अंतर्राष्ट्रीय कानूनी का क्रूर उल्लंघन है।”
प्रदर्शनों के लिए फ़लस्तीनियों ने इसराइली सीमा के नज़दीक पांच मुख्य कैंप लगाए हैं. ये कैंप इसराइली सीमा के नज़दीक मौजूद बेट हनून से ले कर मिस्र की सीमा के नज़दीक रफ़ाह तक फैले हैं.
ये प्रदर्शन 15 मई को ख़त्म होंगे. इस दिन को फ़लस्तीनी नकबा यानी कयामत का दिन कहते हैं. साल 1948 में इसी दिन विवादित क्षेत्र इसराइल का गठन हुआ था और हज़ारों की संख्या में फ़लस्तीनियों को अपने घर से बेघर होना पड़ा था