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Video: इफ्तार और सेहरी में आम आदमी का मेहमान बन रहे हैं तुर्की राष्ट्रपति तय्यब एर्दोगान

नई दिल्ली: तुर्की के राष्ट्रपति तय्यब एर्दोगान रमज़ान उल मुबारक के महीने में अपनी पत्नी अमीना एर्दोगान के साथ राष्ट्रपति भवन के परिसर में आयोजित सेहरी में युवा छात्रों से मुलाक़ात करी, अमीना एर्दोगान अपने ऑफीशियल ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए बताया कि बुधवार की रात में छात्रों को राष्ट्रपति परिसर में आमंत्रित किया गया था।

“पिछले हफ्ते,तय्यब एर्दोगान एक छात्र छात्रावास में मेहमान के तौर पर शिरकत करके छात्रों के साथ सहरी की थी। इस बार हमने छात्रों को सहरी पर बुलाया जो की बहुत ख़ास है। उन्होंने एक ट्वीट के साथ कहा कि हमने सहर में ज़्यादातर महिलाओं को निमंत्रण दिया था।

सहरी पार्टी के दौरान छात्रों से बात करते हुए, राष्ट्रपति एर्दोगान ने रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मुहर्रम इन्स की आलोचना की और कहा कि सभी शिक्षकों को नियुक्त करने का उनका वादा “अवास्तविक” था।

हम हर साल 30,000 शिक्षकों की नियुक्ति करते हैं। हम बढ़ती मांग और नए कक्षाओं के अतिरिक्त के आधार पर उन्हें उपलब्ध पदों पर नियुक्त करना जारी रखेंगे। लेकिन यह कहना कि ‘हर किसी को नियुक्त किया जाएगा’ झूठ है।

पिछले हफ्ते, छात्र गुंगोर अताक, जो अंकारा यिलिरीम बेयाज़िट विश्वविद्यालय के दंत चिकित्सा संस्थान के छात्र हैं, ने ट्विटर पर राष्ट्रपति को संदेश भेजकर सहरे का निमंत्रण दिया था, उन्हें छात्रों को उनके हॉस्टल में उन्ही के साथ सहरी करने की बात कही गयी थी।

इस यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट ने राष्ट्रपति को ट्वीट किया: प्रिय राष्ट्रपति, क्या आप हमारी यूनिवर्सिटी के मेहमान बन सकते है। क्या आप हमारे साथ सहरी करने में अपनी शिरकत दे सकते है? इसके बाद एर्दोगान ने बड़ी ही संजीदगी के साथ जवाब दिया था: “हाँ, मैं ज़रूर आउंगी अगर मेरे लिए सहरी में चाय तैयार रहेगी तो..इसके थोड़ी देर बाद एर्दोगान ने एक विडियो पोस्ट की जिसमें राष्ट्रपति स्टूडेंट्स के साथ सहरी कर रहे थे।

स्टूडेंट्स एर्दोगान के आने से बेहद खुश नज़र आये। उन्होंने एर्दोगान का बहुत अच्छे अंदाज़ में स्वागत किया। साथ ही स्टूडेंट्स ने एर्दोगान के साथ सेल्फी ली, उनसे कुछ देर बातचीत भी की।

दुनिया भर में लाखों मुसलमान रमजान के महीने के दौरान रोज़े रखते हैं, जिसे इस्लाम में सबसे पवित्र महीने माना जाता है, यह इबादत का महिना होना है और हर कोई इस महीने इबादत में मशगूल रहता है।