देश

Video:फ़ितनों से बचने के लिये मुसलमानों का हर स्तर पर एकजुट होना ज़रूरी है-मौलाना सुफियान क़ासमी

नई दिल्ली: देवबन्द की ऐतिहासिक धरती पर उपमहाद्वीप ऐशिया के मशहूर दीनी मदरसा दारुल उलूम वक़्फ़ में हुज्जतुल इस्लाम एकेडमी के तत्वधान में दो दिवस्य इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें देश विदेश से बुद्धिजीवी वर्ग ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

सेमिनार भारत की महान हस्ती और बुज़र्ग शख्सियत हज़रत मौलाना सालिम क़ासमी की ज़िंदगी और मुल्क ओ मिल्लत के लिये उनकी खिदमात के विषय पर था जिसमें देश के तमाम वर्गों से और शैक्षिक संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया,अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, दारुल उलूम नदवातुल उलेमा,लखनऊ,दारुल उलूम देवबंद,जमीयत अहले हदीस,जमात इस्लामी हिन्द,जमीयत उलेमा हिन्द,जमियत शाह वलिउल्लाह आदि से ज़िम्मेदार एक साथ मंचासीन हुए।

देवबन्द में ये पहला मौका था जब मुसलमानों के तमाम फ़िरक़ों के नुमाइंदों ने एक स्टेज़ पर बैठकर मुसलमानों को इत्तेहाद का पैगाम दिया है,नदवा,देवबन्द,जमीयत, अहले हदीस और जमात इस्लाम की प्रमुख हस्तियाँ एक साथ मंच साझा करके इत्तेहाद मिल्लत का पैगाम दिया है।

दो दिवस्य अंतराष्ट्रीय सेमिनार को सम्बोधित करते हुए दारुल उलूम वक़्फ़ के मोहतमिम मौलाना सुफियान क़ासमी ने कहा कि मौलाना सालिम क़ासमी ने जिंदगीभर इत्तेहाद मिल्लत का पैगाम दिया है,आज जब मिल्लत इस्लामिया हिन्द को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है तो इस समय इस सेमिनार का संदेश भी इत्तेहाद मिल्लत है।

मौलाना सुफियान क़ासमी ने कहा कि मुसलमानों के बिखराव के कारण बहुत ज़्यादा नुक़सान पहुंच रहा है मुसलमान भयभीत होरहे हैं और नफरत फैलाने वाले मुसलमानों के घरों तक पहुंच चुके हैं।

इस सेमिनार की कामयाबी का श्रय आयोजक डॉक्टर शकेब क़ासमी को जाता है जिन्होंने महीने भर रात दिन मेहनत करके इस प्रोग्राम को कामयाब बनाया है,