नई दिल्ली: ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख और हैदराबाद से साँसद बैरिस्टर असदउद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर कड़ी निंदा करी है,और कड़े शब्दों में उनपर तीखा प्रहार किया है।
ओवैसी के अलावा संविधान निर्माता भीम राव अंबेडकर पौत्र प्रकाश अंबेडकर ने भी भागवत की कड़े शब्दों में निंदा करी है,और ब्यान पर आपत्ति जताई है।
ओवैसी और आंबेडकर ने आरोप लगाया है कि भागवत के इस बयान में शेर का आशय संघ और कुत्ते का विपक्षी पार्टियों से है. ओवैसी ने कहा कि भारत के संविधान में सभी को इंसान के रूप में बताया गया है. इसमें किसी को भी शेर या कुत्ते के रूप में नहीं कहा गया है. संघ के साथ यही दिक्कत है।
So who are dogs and the lion? Indian Constitution defines everyone as humans & doesn't treat them as dogs or lion. The problem with RSS is that they don't believe in Indian constitution: A Owaisi on RSS Chief's statement, "if a lion is alone, wild dogs can invade & destroy it" pic.twitter.com/XLipWRiO0e
— ANI (@ANI) September 8, 2018
संघ भारत के संविधान को नहीं मानता. संघ की विचारधारा ही ऐसी है. इसमें वे खुद को शेर और बाकी सभी को कुत्ता समझते हैं. वे खुद को शक्तिशाली और दूसरों को कमजोर समझते हैं. लेकिन हमारे संविधान में सभी को बराबर समझा गया है।
ओवैसी ने कहा कि वे भागवत के इस बयान से जरा भी नहीं चौंके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कहा कि आरएसएस पिछले 90 साल से इसी भाषा का इस्तेमाल करती आ रही है. देश की जनता उन्हें इसका जवाब देगी।
भागवत ने क्या कहा था…
भागवत ने शुक्रवार को अपने संबोधन में कहा था कि हिंदुओं को प्रभुत्व की कोई आकांक्षा नहीं है और समुदाय तभी समृद्ध होगा जब वह एक समाज के रूप में काम करेगा. उन्होंने कहा था कि ‘अगर एक शेर अकेला है तो जंगली कुत्ते आक्रमण करके शेर को खत्म कर सकते हैं. हमें यह नहीं भूलना चाहिए.’ भागवत ने कहा कि हम दुनिया को बेहतर बनाना चाहते हैं. हमें प्रभुत्व की कोई आकांक्षा नहीं है. हमारा प्रभाव विजय अथवा औपनिवेशीकरण का परिणाम नहीं है।
प्रकाश आंबेडकर ने की निंदा
वहीं भारिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश आंबेडकर ने भी अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व हिंदू कांग्रेसमें भागवत के बयान की निंदा की है. अंबेडकर ने शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत में भागवत के इस बयान की निंदा की और दावा किया कि ‘कुत्ते’ का संदर्भ देश की विपक्षी पार्टियों के लिए है. उन्होंने कहा कि मैं मोहन भागवत की इस मानसिकता की निंदा करता हूं जिसमें उन्होंने देश की विपक्षी पार्टियों का जिक्र कुत्ते के रूप में किया है।
उन्होंने कहा कि पार्टियां सत्ता में आईं और गईं लेकिन यह मानसिकता सत्तापक्ष की यह सोच दिखाती है कि विपक्ष उनसे लड़ नहीं सकता. आंबेडकर ने कहा कि मेरा मानना है कि उन्हें सत्ता में दोबारा लाने से पहले लोगों को पुन: सोचना चाहिए।
उन्होंने नई दिल्ली में राष्ट्रीय पदाधिकारियों और राज्य इकाई के अध्यक्षों की बैठक में ‘अजेय भाजपा’ ने उनके नारे पर भी तंज किया. उन्होंने कहा कि भाजपा गुजरात में लगभग हार ही गए थे और कर्नाटक में हार गए. अब केवल दो महीने की ही बात है जब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम के चुनाव परिणाम आ जाएंगे।