नई दिल्ली: बीफ ले जाने के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में रामगढ़ की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने बीते 16 मार्च को इन आरोपियों को दोषी करार दिया था. भारतीय दंड संहिता की धारा (आईपीसी) 147, 148. 149, 421, 431, 302 व 102 के तहत सभी आरोपियों को दोषी पाया गया।
Jharkhand lynching case: Ramgarh Court awards life imprisonment to all 11 accused
— The Indian Express (@IndianExpress) March 21, 2018
इस मामले में कुल 12 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. लेकिन एक आरोपी के नाबालिग होने के कारण उसके खिलाफ जुवेनाइल कोर्ट में सुनवाई चल रही है. गौरतलब है कि रामगढ़ जिले के मनुआ फुलसराय के रहने वाले अलीमुद्दीन की हत्या 29 जून 2017 को कर दी गयी थी. मारूति वैन से बीफ ले जाने के आरोप में भीड़ ने अलीमुद्दीन की पीट-पीट कर हत्या बाजार टांड स्थित गैस एजेंसी के पास कर दी थी।
All eleven sentenced to life imprisonment in Jharkhand beef-lynching case https://t.co/cOryfF5t0N @DhingraSanya writes from Ramgarh
— Diksha Madhok (@dikshamadhok) March 21, 2018
बजाव पक्ष के वकील बीएम त्रिपाठी ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वे इस मामले में ऊपरी अदालत में अपील करेंगे. इसमें कोई एविडेंस नहीं है. बिना एविडेंस का केस है.बता दें कि तथाकथित गौ-रक्षक बनकर दोषियों ने अलीमुद्दीन को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया था. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
भीड़ ने वैन को भी फूंक दिया. पुलिस ने अलीमुद्दीन को इलाज के लिए रांची लाया. लेकिन रास्ते में ही उसके मौत हो गयी. इस मामले में पुलिस अलीमुद्दीन की पत्नी के बयान पर 12 लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 147, 148, 427, 149, 435, 149, 302 व 149 के तहत मामला दर्ज किया था और अदालत में चार्जशीट दाखिल किया था. जिसमें एक आरोपी नाबालिग छोटे राणा भी है. सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोपियों को भादवि की धारा 302 और 120बी के तहत दोषी पाया है. जिसके बाद अदालत ने जिन आरोपियों को दोषी पाया, उन्हें रामगढ़ जेल भेज दिया, जबकि नाबालिग छोटे राणा को हजारीबाग स्थित बाल सुधार गृह भेजने का निर्देश दिया था