नई दिल्ली: येरुशलम में अमेरिकी दूतावास खुलने का विरोध कर रहे फिलिस्तीनी मुसलमानों पर ड्रोन हमले करने और गोलियाँ बरसाने पर तुर्की ने इज़राईल और अमेरिका की कड़े शब्दों में आलोचना करी है,राष्ट्रपति तय्यब एर्दोगान ने इस कार्यवाही को आतँकवादी घटना बताते हुए पूरे क़त्लेआम के लिये इज़राईल और अमेरिका को ज़िम्मेदार ठहराया है।
#Turkey declares 3 days of mourning over #Gaza violence https://t.co/ixe5mvishs pic.twitter.com/fBTMhgttG5
— Anadolu English (@anadoluagency) May 14, 2018
तुर्की राष्ट्रपति ने अमेरिका और इज़राईल की मनमानी का विरोध करते हुए दोनों देशों से अपने राजदूत वापस बुला लिये हैं,और 52 फिलिस्तीनी मुसलमानों की शहादत और ढाई हज़ार लोगों के घायल होने पर तीन दिनों का राष्ट्रीय शोक मनाने का ऐलान किया है।
UPDATE: Turkey declares 3 days of mourning in solidarity with Palestine. The move comes after at least 55 Palestinians were killed by Israeli forces on Monday which Turkey along with many other countries, strongly condemned
— TRT World Now (@TRTWorldNow) May 14, 2018
तय्यब एर्दोगान ने इज़रायल को आतँकवादी राष्ट्र घोषित करते हुए अपने तमाम सम्बन्ध खत्म कर दिये हैं,एर्दोगान ने कहा कि निर्दोष फिलिस्तीनी मुसलमानों पर इज़राईल अत्याचार कर रहा है और उसको अमेरिका बढ़ावा देने का काम कर रहा है।
LIVE — President Erdoğan: We are declaring 3 days of mourning for our Palestinian brothers and sisters; there will also be an extraordinary OIC meeting on Friday regarding the incidents https://t.co/qUOhzMKQWR pic.twitter.com/PUszhVhtgA
— Daily Sabah (@DailySabah) May 14, 2018
तय्यब एर्दोगान ने घायल फिलिस्तीनी मुसलमानों की चिकित्सा सहायता के लिये आपातकालीन हॉस्पिटल और कैम्प लगाने का ऐलान किया है,और कहा है कि फिलिस्तीन को हर मुमकिन मदद पहुँचाई जाएगी।
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तय्यब एर्दोगान ने तुर्की राष्ट्र को एक संदेश दिया है तीन दिन के राष्ट्रीय शोक के बाद शुक्रवार को यानी केबी मैदान में पहुंचे,जहां उनके मशविरे से इस मुद्दे पर अगली पॉलिसी और कोई आखरी फैसला लिया जाएगा ।
JUST IN: Turkey is recalling its ambassadors to the US and Israel in an official protest of the Trump administration's decision to move the US embassy from Tel Aviv to Jerusalem https://t.co/H7NJOhcK7Y pic.twitter.com/x7R4k9r0Q2
— CNN (@CNN) May 14, 2018
तय्यब एर्दोगान ने अमेरिका और इज़राइल की कड़े शब्दों आलोचना करते हुए सोमवार के दिन हुए 52 फिलिस्तीनी मुसलमानों की शहादत पर इसको “खूनी सोमवार” बताते हुए कहा कि इस दिन के मुसलमानों का खून सिर्फ इज़राईल के हाथों पर नही लगा है बल्कि इससे अमेरिका के भी हाथ लाल हैं।
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