रमज़ान उल मुबारक की 27 वी रात में शब ए क़द्र को तलाश करने के लिये बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी बैतूलमुक़द्दस मस्जिद अक़्सा में इबादत के लिये पहुँचे, इज़राईल सैनिकों की घेराबंदी और हिसार बंदी के कारण हमेशा बैतुलमुक़द्दस तक पहुंचने में दिक़्क़त का सामना करना पड़ता है।
٣٥٠ ألف مصلٍ أحيوا ليلة القدر في المسجد الأقصى المبارك . pic.twitter.com/f1ueqgsxXK
— المركز الفلسطيني للإعلام (@PalinfoAr) June 12, 2018
फिलिस्तीनी मीडिया सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक़ 3 लाख 50 हज़ार फिलिस्तीनी मुसलमान 27वीं रात में मस्जिद अक़्सा में इबादत के लिये पहुँचे, जहां उन्होंने फिलिस्तीन की आज़ादी और इज़राईल के ज़ुल्म ओ सितम से छुटकारे के लिये दुआएँ माँगी।
#شاهد..جانب من احياء ليلة القدر في #المسجد_الأقصى المبارك الليلة. pic.twitter.com/D98vHgM9Fj
— المركز الفلسطيني للإعلام (@PalinfoAr) June 12, 2018
रमज़ान उल मुबारक के महीने में 27वी रात का विशेष महत्त्व माना जाता है,मान्यता के अनुसार इस रात में शब ए क़द्र होने की ज़्यादा से ज़्यादा संभावना रहती है,इसी कारण से पूरी दुनिया में मुस्लमान इस रात को अधिक से अधिक समय इबादत दुआ में गुज़ारते हैं।
الأوقاف : نحو 350 ألف مصل يحيون ليلة القدر في #المسجد_الأقصى المبارك pic.twitter.com/e0KT7oQ76C
— المركز الفلسطيني للإعلام (@PalinfoAr) June 11, 2018
पिछले कई दशकों से फिलिस्तीनी मुसलमान अपने बच्चों की कुर्बानियाँ देकर बैतुलमुक़द्दस की रक्षा करते आरहे हैं,रमज़ान से पहले हुए एक विरोध प्रदर्शन में 62 के लगभग फिलिस्तीनी शहीद होगए थे,और तीन हज़ार के लगभग घायल हुए थे।