नई दिल्ली: RSS के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा मुसलमानों के बारे में दिए जारहे बयानों पर ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने तीखा प्रहार करते हुए उन्हें चुनोती दे डाली है।
असदउद्दीन ओवैसी ने कहा है कि क्या मोहन भागवत फ्रीडम फाइटर विनायक दामोदर सावरकर और संघ के दूसरे सरसंघचालक एमएस गोलवलकर की हिदुओं और हिन्दुत्व को लेकर लिखी बातों को खारिज कर सकते हैं? उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह कहते नजर आ रहे हैं कि ‘सावरकर ने कहा था कि मुसलमान.. मुसलमानों के हिन्दुस्तान न होलीलैंड है, न फादरलैंड है’। आपको बता दें कि ओवैसी का यह बयान संघ प्रमुख की लेक्चर सीरीज ‘भारत का भविष्य’ के बाद आया है।
#RSS4Bharat Asaduddin Owaisi challenges RSS chief, asks to reject Golwarkar's statement on Muslims Can he rejects his brothers anti India and Hindu gods statement?? #RSS #RSSForAll pic.twitter.com/pKCZfEKp5T
— keshaboina sridhar (@keshaboinasri) September 19, 2018
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि संघ प्रमुख भागवत को चुनौती देते हुए कहा कि क्या वह गोलवलकर की किताब बंच ऑफ थॉट्स में लिखे मुसलमान-क्रिश्चियन इस मुल्क के इंटरनल थ्रेट हैं की बात को खारिज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस देश को यह समझना होगा कि हिंदुइज्म और हिंदुत्व में जमीन-आसमान का अंतर है..
इसमें हिंदुत्व एक्सक्लूसिव है, हिंदुइज्म नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुत्व के जनक सावरकर हैं। तो क्या संघ सारवरकर की थ्योरी को खारिज कर सकता है। आपको बता दें कि संघ प्रमुख भागवत ने अपने व्याख्यान में कहा था कि बिना मुस्लिमों के हिंदुत्व का कोई अर्थ नहीं है। हिंदू राष्ट्र का मतलब यह नहीं है कि इसमें मुस्लिम नहीं रहेगा, हिंदुत्व तो विश्व कुटुंब की बात करता है।”
इसके साथ ही एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक को आपराधिक कृत्य बनाए जाने को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित अध्यादेश से मुस्लिम महिलाओं के साथ और अन्याय होगा।
अध्यादेश को महिला-विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि यह संविधान के अंतर्गत दिए गए मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है। हैदराबाद के सांसद ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने तीन तलाक पर अपने फैसले में कहा था कि अगर एक व्यक्ति तीन तलाक कहता है तो शादी निरस्त नहीं होगा।