नई दिल्ली:ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को मांग की कि सुप्रीम कोर्ट बाबरी मस्जिद- राम जन्मभूमि विवाद पर अपना फैसला 2019 के लोकसभा चुनावों के संपन्न होने तक टाल दे. उन्होंने कहा क्योंकि इससे इस मुद्दे का ‘भारी राजनीतिकरण’ हो जाएगा. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में ‘अयोध्या: नफरत की राजनीति’ विषय पर आयोजित एक परिचर्चा में ओवैसी ने कहा कि जमीन के मुद्दे पर अयोध्या विवाद का धार्मिक आस्था से कोई लेना- देना नहीं है।
If you want an end to Ram Mandir issue, let the Supreme Court decide: @asadowaisi#LetsConclave18
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ओवैसी ने कहा, ‘राम मंदिर का मुद्दा जमीन के मालिकाना हक का मामला है. इसका आस्था से कोई लेना- देना नहीं है. यह न्याय एवं धर्मनिरपेक्षता के शासन से जुड़ा है. हर एक को सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार करना होगा. बहरहाल, संसदीय चुनावों से पहले इस मुद्दे पर फैसला नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे भारी राजनीतिकरण हो जाएगा।
इस परिचर्चा में कांग्रेस प्रवक्ता संजय निरूपम और बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा भी शामिल थे. बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए निरूपम ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी की दिलचस्पी मंदिर बनाने में नहीं, बल्कि मुद्दे के राजनीतिकरण में है.उन्होंने कहा, ‘मुझे 100 फीसदी यकीन है कि 2019 के चुनावों से पहले फैसला आ जाएगा, क्योंकि बीजेपी ऐसा ही चाहती है. भगवान राम इस देश का जीवन हैं. लेकिन आस्था और भावनाएं अदालत में नहीं चलतीं. बीजेपी को राम मंदिर की चिंता नहीं करनी चाहिए. इसे निर्मोही अखाड़ा(यह जमीन के मालिकाना हक विवाद में एक पक्ष है) पर छोड़ देना चाहिए.।
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’बीजेपी प्रवक्ता पात्रा ने सवाल किया कि यदि राम मंदिर सिर्फ जमीन के मालिकाना हक का मुद्दा है तो सुप्रीम कोर्ट अदालत के बाहर मामले का निपटारा करने का सुझाव क्यों देगा. पात्रा ने कहा, ‘यदि राम मंदिर सिर्फ जमीन का मुद्दा है तो कांग्रेस एवं अन्य 2019 के लिए क्यों चिंतित हैं? कांग्रेस अब न्यायपालिका की आड़ ले रही है क्योंकि वे नरेंद्र मोदी से लड़ने में अक्षम है।
अयोध्या के मुद्दे पर आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर की विवादित टिप्पणियों के लिए उन्हें आड़े हाथ लेते हुए ओवैसी ने जानना चाहा कि जब वह भारत के संविधान को ही नहीं समझते तो दुनियाभर में शांति पर उपदेश कैसे दे सकते हैं. ओवैसी ने सवाल किया, ‘ वह यह कहने वाले कौन होते हैं कि यदि मसले को नहीं सुलझाया गया तो भारत सीरिया बन जाएगा?
Ram Temple issue should not be decided before the parliamentary election: @asadowaisi at India Today Conclave 2018. #LetsConclave18
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’निरूपम ने पूछा कि सरकार ने एक आध्यात्मिक गुरु को संविधान को धमकाने की इजाजत कैसे दी और उसने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की. बहरहाल पात्रा ने सवाल किया कि आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक के किसी आलोचक ने उनके खिलाफ अब तक प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज कराई है.उन्होंने कहा, ‘एक सच्चे हिंदू के रूप में मैं किसी गुरू के बारे में अभद्र बातें नहीं करूंगा. लेकिन यह कहना अतिशयोक्ति होगा कि वह इस देश के मूल्यों को खंडित करने की कोशिश कर रहे हैं।