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UAE और सऊदी अरब में निवेश करने वालों को यमनी सेना की चेतावनी,,,वर्ना नुक़सान होगा!

यमन के सैन्य बलों के प्रवक्ता यहया सरी ने संयुक्त अरब इमारात और सऊदी अरब में निवेश करने वालों को चेतावनी दी है कि वे इन दोनों देशों से अपना कारोबार और निवेश हटा कर कहीं और शिफ़्ट कर लें वरना उन्हें भारी नुक़सान उठाना पड़ सकता है।

प्रवक्ता का कहना था कि यह दोनों देश यमन की नाकाबंदी और यमन पर होने वाले हमलों में लिप्त हैं इसलिए यमन की सेना और जनता के पास जवाबी हमलों में सऊदी अरब और इमारात को निशाना बनाने का पूरा अधिकार है।

यहया सरी ने कल रात निवेशकों से कहा कि हमलावर देशों से आप अपना निवेश हटाकर कहीं और ले जाइए क्योंकि अब यह दोनों देश सुरक्षित नहीं रहेंगे।

यमन की सनआ स्थित सरकार का कहना है कि संघर्ष विराम का समय बढ़ाने पर सहमति नहीं हो सकी है क्योंकि सऊदी अरब और इमारात ने इससे पहले हुए संघर्ष विराम के मसौदे में एकपक्षीय रूप से बदलाव कर दिया है।

यमन की एक निर्वासित सरकार ने जो सऊदी अरब में शरण लिए हुए है सऊदी अरब के साथ यह समझौता किया है मगर यमन की सनआ सरकार ने इस समझौते को ख़ारिज कर दिया है।

सनआ स्थित नैश्नल सैल्वेशन सरकार ने कहा कि यह तय पाया था कि संघर्ष विराम के समझौते के तहत सनआ एयरपोर्ट की नाकाबंदी समाप्त की जाएगी और अलहुदैदा बंदरगाह पर जहाज़ों की आवाजाही सुचारू रूप से अंजाम पाएगी मगर सऊदी अरब ने इन शर्तों पर अमल नहीं किया है।

गत दो अप्रैल को सऊदी सरकार और अंसारुल्लाह आंदोलन के बीच समझौता हुआ था जिसे दो बार दो महीने के लिए बढ़ाया गया मगर अब इसकी समयावधि बढ़ने पर सहमति नहीं बन सकी है।

संयुक्त राष्ट्र संघ का कहना है कि संघर्ष विराम की अवधि बढ़ाने के विषय पर बातचीत चल रही है। अमरीका के विदेशमंत्री ने ब्लिंकन ने कहा कि उन्हें इस बात पर गहरी चिंता है कि संघर्ष विराम का समझौता बढ़ाने पर सहमति नहीं बन सकी।