आज #MargsheershAmavasya है. मार्गशीष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाती है. इसे अगहन अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करने की परंपरा है. ऐसा कहते हैं कि अमावस्या की रात भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, और निशाचर जैसी नकारात्मक शक्तियां बहुत सक्रिय रहती हैं. इसलिए अमावस्या पर भूलकर भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए.
श्मशान से दूर रहें- अमावस्या की रात को गलती से भी श्मशान या उसके पास से होकर नहीं गुज़रना चाहिए. अमावस्या की रात में सुनसान सड़कों पर जाने से भी बचना चाहिए. ऐसा कहते हैं कि अमावस्या पर कमज़ोर दिल के लोग नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव में जल्दी आ जाते हैं, इसलिए ऐसे लोगों को सतर्क रहना चाहिए.
देर तक न सोएं- अमावस्या के दिन देर तक सोने से बचना चाहिए. ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद नहीं मिल पाता है. इस दिन सूर्योदय के साथ जागें और सूर्य देव को जल अर्पित करें.
लड़ाई झगड़ा- अमावस्या के दिन घर में लड़ाई-झगड़ा करने से बचना चाहिए. ऐसा कहते हैं कि अमावस्या पर जिस घर में लड़ाई-झगड़े होते हैं, वहां कभी पितरों की कृपा नहीं रहती है. इसलिए इस दिन घर में शांति का वातावरण बनाए रखने का प्रयास करें. अमावस्या पर न तो क्रोध करें और न ही किसी को अपशब्द कहें.
तामसिक भोजन- मार्गशीर्ष अमावस्या पर तामसिक चीजों का सेवन बिल्कुल न करें. इस दिन खाने में लहसुन, प्याज़ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस दिन मांस, मछली और मदिरा-पान आदि से भी दूर रहना चाहिए.
शारीरिक संबंध- अमावस्या के दिन पति पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने से भी बचना चाहिए. ऐसा कहते हैं कि चौदस, अमावस्या और प्रतिपदा तीन ऐसी तिथियां होती हैं जब हमें तन और मन दोनों से पूर्णत: पवित्र रहना चाहिए.