साहित्य

छड़ी की मार…..बस मुझे छूना नहीं कभी भी….कभी भी नहीं….।

संजय नायक ‘शिल्प’ ============= चन्द्ररूपायनम (छड़ी की मार…..) चन्द्र जैसे ही घर से साइकिल निकाल कर बाहर आया , वैसे ही मुहल्ले का आधा पागल लड़का गुल्लू वहाँ आ गया, वो चन्द्र से बहुत लगाव रखता था। गुल्लू का पिता ज्यादा शराब के सेवन से मर चुका था और उसकी माँ घरों में झाड़ू पोंछे […]

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बिछुड़ने से पहले का दिन….

संजय नायक ‘शिल्प’ =========== चन्द्ररूपायनम ( बिछुड़ने से पहले का दिन….) “पार्वती, जो हो रहा है उसे रोक दो , अब रूपा ने हद पार कर दी है।” रूपा के पिताजी ने माँ से कहा। ” किया क्या है रूपा ने? ” ” अरे , मुझसे पूछती हो..?? पूरा शहर जानता है रूपा ने क्या […]

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चन्द्ररूपायनम : आम की मिठास…..

संजय नायक ‘शिल्प’ ========== · चन्द्ररूपायनम (आम की मिठास…..) नीलम ने विजय से पानी मंगवाया। विजय जो कि न जाने कहाँ खोया हुआ था, नीलम की आवाज से ऐसे उठा जैसे किसी सालों से सोते हुए आदमी के कान के पास एटम बम का धमाका हुआ हो। उसने पास पड़े जग से एक पानी का […]

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शबरी झूठन खाय के, राघव हुए निहाल…By-संजय नायक ‘शिल्प’

संजय नायक ‘शिल्प’ ============= शबरी झूठन खाय के, राघव हुए निहाल। राम लुटाए कुछ नही , शबरी मालामाल।। दुपहरी की नींद में सोई बूढ़ी शबरी अचानक कोलाहल से जाग उठती है। वो देखती है कि सारी चिड़ियाँ जोर जोर से चिर्र् पिरर्र कर रहीं है । इधर जोर जोर से गाय रंभा रही है और […]

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द रिकवरी एजेंट…..By-संजय नायक ‘शिल्प’

संजय नायक ‘शिल्प’ =========== द रिकवरी एजेंट….. वो जैसे ही घर के लिए गुजर रही थी, उसके घर से ठीक 6 घर पहले जो घर आता था । उसमें बहुत भीड़ जमा थी । अंदर से रोने की आवाजें भी आ रही थी । उसने अपनी कार नहीं रोकी इस घर में रहने वाली जो […]

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जरा सा तो पहले मिले होते हमदम

संजय नायक ‘शिल्प’ ============== जरा सा तो पहले मिले होते हमदम उस पहाड़ी सड़क के घुमावदार रस्ते से दोनों बहुत खुशी से जा रहे थे। आज घरवालों को उन दोनों के रिश्ते की मंजूरी मिल गई थी। दोनों पहली बार मनाली के लिए निकले थे। अचानक लड़की को न जाने क्या सूझा, उसने लड़के को […]

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लेखक, संजय नायक ‘शिल्प’ की====कहानी “मरीज़” का पहला भाग, पढ़िये!

संजय नायक ‘शिल्प’ =============== मेरी कहानी “मरीज” का पहला भाग बुखार में कांपते हाथों से दवा लेकर जैसे ही वो चारपाई पर लेटने के लिए मुड़ा , उसे जोर का चक्कर आ गया और उसका हाथ पास रखी टेबल पर पड़े पानी के गिलास से टकरा गया और उस पुरानी सी किताब पर , जो […]

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अम्मा के पेड़……लेखक-संजय नायक ‘शिल्प’ की एक शानदार कहानी!

संजय नायक ‘शिल्प’ ============= अम्मा के पेड़। बचपने में ही उनकी अम्मा चल बसी थी। पर उसे पेड़ पौधों से बहुत प्रेम था, उसने आँगन में तुलसा, सदाबहार, जामुन, नींबू, अमरूद और आम के पौधे लगाए थे। जब तक वो जीवित थी, पौधे वृद्धि करते रहे। पौधों के साथ दोनो भाई भी बड़े हो रहे […]