साहित्य

पूछने का हक़ क्यों नहीं है उन्हें? पिता हैं वे…..@लक्ष्मी कान्त पाण्डे

यश पैर पटकता हुआ रूम से निकला और अपने पापा की कार में पिछली सीट पर जाकर बैठ गया. दीपक और उनकी पत्नी उदास से कार में बैठे थे… क्योंकि यश की प्रतिक्रिया देखकर जाने का मन नहीं था, पर बचपन के दोस्त शेखर ने अपने बर्थडे पर सपरिवार बुलाया था. यश ने जाने के […]

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बेटी….By-#लक्ष्मी कान्त पाण्डे

बेटी:- पापा मैनें आपके लिए हलवा बनाया हैं।जिसकी उम्र अभी 11साल हैं।अपने पिता से बोल रही हैं।जो अभी आँफिस से घर में आया ही था। पिता- वहाँ क्या बात है लाकर खिलाओ पापा को हलवा मेरी प्यारी बेटी।बेटी जो की पिता के मुहँ से ये बात सुनकर फूले नही समा रही थी दौड़कर रसोईघर मे […]