जम्मू-कश्मीर : पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद की आज जम्मू के TADA कोर्ट में पेशी हुई. 1989 के किडनैपिंग केस को लेकर उनके पूछताछ हुई. बता दें इस मामले में रूबिया ने पहले के ही सुनवाई में आरोपियों की पहचान कर ली थी
Rubaiya Sayeed Case : 1989 के अपहरण मामले में रूबिया सईद को आज यानी बुधवार को जम्मू के टाडा कोर्ट में पेश किया गया. बता दें, रूबिया सईद जम्मू कश्मीर के पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बहन है. सीबीआई वकील मोनिका कोहली ने बताया कि कोर्ट में अन्य आरोपियों के साथ रूबिया सईद का जिरह कराया गया. अब इस मामले में सिर्फ प्रतिबंधित जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक से उनकी जिरह बाकी है
1989 kidnapping case| Rubaiya Sayeed (PDP chief Mehbooba Mufti's sister) was presented today at TADA court, Jammu. Her cross-examination was done, along with rest of accused. Only Yasin Malik's (chief of banned J&K Liberation Front) cross-examination left: CBI lawyer Monika Kohli pic.twitter.com/8BExmi0jNl
— ANI (@ANI) September 21, 2022
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद को इससे पहले जम्मू के टाडा कोर्ट ने इसी साल अगस्त महीने में तलब किया था. लेकिन रुबिया कोर्ट में पेश नहीं हुईं थी. बाद में टाडा कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया था. साथ ही सुनवाई की तिथि आज यानी 21 सितंबर तय कर दी थी
बता दें, बीते 15 जुलाई को रूबिया सईद ने कोर्ट में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चीफ यासीन मलिक की पहचान अपहरणकर्ता के रूप में की थी. कोर्ट में रूबिया ने बयान दिया था कि 1989 में यासीन मलिक समेत तीन लोगों ने मिलकर उनका अपहरण कर लिया था. बता दें, अपहरण के बाद रूबिया को छुड़ाने के लिए 5 खूंखार आतंकियों को छोड़ना पड़ा था.
रूबिया को बनाया गया था गवाह: 1989 के अपहरण मामले की जांच कर रही सीबीआई ने रुबिया सईद को गवाह बनाया था. सीबीआई ने 1990 में इस मामले की जांच को अपने हाथ में लिया था. सीबीआई टीम ने अपने बयान में कहा था कि रुबैया सईद ने तस्वीरों के जरिये अपहरणकर्ताओं की पहचान की है.
8 दिसंबर 1989 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी का अपहरण कर लिया गया था. अपहरण के वक्त रूबिया बस से घर लौट रही थी. दरअसल, रूबिया सईद लाल मेमोरियल अस्पताल में बतौर इंटर्न काम कर रही थी. 8 दिसंबर 1989 को घर लौटने के दौरान उनका अपहरण कर लिया गया था. वहीं, रूबिया को छोड़ने के बदले अपहरणकर्ताओं ने पांच आतंकवादियों को रिहा करने की मांग की थी. जिसे सरकार ने मान ली थी.
तीन आतंकियों की पहचान हुई थी: रूबिया ने इससे पहले तीन आतंकियों को पहचान लिया था. जिन अपराधियों की शिनाख्त रूबिया ने की थी उनमें यासीन मलिक समेत तीन और आरोपी शामिल थे. बता दें, यासीन मलिक अभी जेल में बंद हैं उसपर आतंकियों को फंडिंग समेत कई और मामले दर्ज हैं