Nargis Bano
@NargisBano70
संजीव भट्ट IPS ऑफिसर, पढ़िए हमारी रिपोर्ट :
सन 1990 में लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में रथ यात्रा निकाली गई थी जिसमे गुजरात के जमजोधपुर में दंगा हुआ, इस दंगे में 150 लोगो को हिरासत में लिया गया, उन 150 लोगो मे से प्रभुदास वैष्णवी की आकस्मिक तरीके से मौत हो जाती है, जिसका पूरा इल्जाम संजीव भट्ट पर लगाकर संजीव भट्ट को उम्रकैद की सजा सुना दी गयी
असल मे संजीव भट्ट मोदी जी के हमेशा से विरोध में थे और 2002 के गुजरात दंगे में संजीव भट्ट ने मोदी जी की भूमिका पर सवाल उठाए थे और शायद यही वजह रही कि उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई होगी
भारत मे अब तक पुलिस कस्टडी में अपराधियों की कई बार मौत हो गयी जिसमे पुलिस की प्रताड़ना या टॉर्चर करना साबित हुआ है, लेकिन शायद आज तक किसी भी मामले में उम्रकैद की सजा किसी पुलिस वाले को नही हुई, अभी पिछले 2 दिन पहले यूपी के बागपत में साजिद अब्बासी की पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी, इसके पहके गाजियाबाद में दिलशाद नाम के लड़के की भी पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी ,
पिछले 5 सालों में पुलिस कस्टडी में 669 मौते हुई जिसमे 2021 से 2022 के बीच में पुलिस हिरासत में मौत के कुल संख्या 175 , 2020 से 2021 में 100 , 2019 से 2020 में 112, 2018 से 2019 में 136 और 2017 से 2018 में 146 मौते हुई
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि संजीव भट्ट के टॉर्चर से अगर जेल में ही मौत हो जाती तो बात अलग होती लेकिन प्रभुदास की मौत अस्पताल में हुई और पूरी मौत का जिम्मेदार पुलिस प्रशासन को ठहराना गलत है और कोर्ट को उम्रकैद की सजा पर विचार करना ज़रूरी है
मुझे लगता है संजीव भट्ट को उम्र कैद की सजा सिर्फ राजनीतिक दबाव में ही सुनाई है जैसे पिछले कुछ महीने पहले राहुल गांधी को सजा सुनाई थी, इस पर पूरे मामले पर कोर्ट को पुनः विचार करना चाहिए
IPS संजीव भट्ट को भारत का हर नागरिक जनता है!
वही संजीव भट्ट जिन्होने 2002 दंगे के मामले में ईमानदारी से काम किया!
आज वो उसी ईमानदारी की कीमत चुका रहे है!
सरकार ने उन्हें अब तक जेल मे बंद रखा है!संजीव भट्ट की बेटी आकाशी भट्ट सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही है–
कैसे उनके पिता को… pic.twitter.com/NQkmHN3ALM— Sadaf Afreen صدف (@s_afreen7) June 25, 2023
संजीव भट्ट की बेटी डॉक्टर आकाशी भट्ट ने लगाए गंभीर आरोप, अपने पिता की जमानत का कर रही है इंतजार, आखिर संजीव भट्ट की जमानत के लिए कोई आवाज क्यों नही उठता?#ReleaseSanjivBhatt pic.twitter.com/5d8MiTFeL1
— Salim Hafezi (@SalimHafezi) June 25, 2023
Dr Suraj Yadav Mandal डॉ सूरज मंडल ڈاکٹر سورج منڈل
@suraj_yadav2005
मोदी के आंख में आंख डालकर कोई शख्स लड़ा और उसकी कीमत चुका रहा है तो वे आईपीएस संजीव भट्ट
@sanjivbhatt
IPS हैं.33 माह से संजीव भट्ट पालनपुर जेल में हैं. उन्हें पहले 23 साल पुराने ड्रग्स केस में फंसाया गया, फिर 32 साल पुराने हिरासत में मौत मामले में फंसाया गया है. ड्रग्स केस में पिछले हफ्ते गुजरात हाई कोर्ट ने संजीव भट्ट के पुनरीक्षण आवेदन पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसी मामले में संजीव भट्ट को पहले गिरफ्तार किया गया, फिर हिरासत में मौत मामले में उम्रकैद की सजा दी गई. इस मामले में वे सजा निलंबित करने का लगातार सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रहे हैं, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला. रंजन गोगोई के सामने बेहतर ग्राउंड था वे चाहते तो संजीव भट्ट के साथ न्याय कर सकते थे, लेकिन एक राज्यसभा सीट के लिए गोगोई ने ईमान से समझौता कर लिया. बाद के न्यायमूर्तियों ने भी वही किया. संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता , उनके बेटे शांतनु , बेटी आकाशी संजीव भट्ट की रिहाई के लिए कभी हाई कोर्ट तो कभी सुप्रीम कोर्ट का चक्कर काट रहे हैं.लेकिन न्याय का दरवाजा बंद है. सबको पता है ये किसके इशारे पर हो रहा है. संजीव भट्ट सच बोलने की कीमत चुका रहे हैं. यह बात चर्चित है गुजरात दंगों के वक़्त 27 फरवरी 2002 की रात को एक क्लोज मीटिंग में मोदी ने संजीव भट्ट सहित 8 आईपीएस को मुस्लिमों को सबक सिखाने की बात कही थी. बाकी सब आईपीएस ने हां कह दिया पर संजीव भट्ट ने मना कर दिया. उन्होंने कहा लॉ एंड ऑर्डर हमारी ड्यूटी है और एक आईपीएस के रूप में इसे पालन करना मेरी जिम्मेदारी है. यह बात मोदी को नागवार गुजरा , बताते हैं उनकी आंखें इस विरोध से लाल हो गई थीं.2011 में आईपीएस संजीव भट्ट को निलंबित कर दिया गया. उन्हें मोदी ने साबरमती जेल में डाल दिया, फिर केंद्र में आने पर 2015 में पुलिस अधिकारी के रूप में उनकी सेवा भी खत्म कर दिया. संजीव भट्ट हार मानने की जगह लगातार लड़ते रहे. मोदी को यह बर्दाश्त नहीं हुआ इसलिए पुराने मामलों में संजीव को जेल में डाल दिया. एक गुजराती एक्टिविस्ट ने दावा किया कि जेल में संजीव भट्ट को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी गई है. संजीव भट्ट के लिए जोर से सत्ता से टकराती उनकी पत्नी श्वेता पर हमला भी हुआ, उन्हें सुरक्षा मांगने पर भी नहीं दिया गया. संजीव भट्ट के मामले में हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट ही नहीं विपक्ष भी नंगा नज़र आता है. पर संजीव भट्ट उनकी पत्नी श्वेता, उनके बेटे शांतनु और बेटी आकाशी बहुत बहादुर हैं.ये अलग ही मिट्टी के बने लोग हैं. मोदी इस परिवार की बहादुरी से गुजरात से डरता आया है. इस बहादुर परिवार का साथ देश के सभी लोगों को देना चाहिए.