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#Rajasthan : इंटेलिजेंस टीम ने आर्मी का डाटा पाकिस्तान भेजने वाले माँ भारती के सपूत राष्ट्रवादी ”आनंद राज” को गिरफ़्तार किया!

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राजस्थान से अरेस्ट हुआ पाकिस्तान का एजेंट, हसीनाओ के फेर मे फंसकर गुप्त जानकारी कर रहा था शेयर

RJ : राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस टीम ने आर्मी का डाटा पाकिस्तान भेजने वाले 22 साल के आनंद राज को गिरफ्तार किया लिया है।बताया जा रहा है कि आरोपी सोशल मीडिया के जरिए महत्वपूर्ण सूचना पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसियों की तीन महिला हैंडलर्स से शेयर करता था। आरोपी जो सूरतगढ़ आर्मी कैंट के बाहर वर्दी का स्टोर चलाता था।पुलिस इंटेलिजेंस के अतिरिक्त महानिदेशक संजय अग्रवाल ने बताया कि पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसियों द्वारा की जाने वाली जासूसी गतिविधियों पर राजस्थान इंटेलिजेंस द्वारा सतत निगरानी रखी जा रही है,संकलित विश्वस्त सूचना से पाया गया कि सूरतगढ़ आर्मी कैंट के बाहर वर्दी स्टोर चलाने वाला आनंद राज नाम का युवक सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान गुप्तचर एजेंसी की तीन महिला हैंडलर्स के निरंतर संपर्क में था।

काफी समय से नजर रख रही थी सेना…

अग्रवाल ने बताया कि सैन्य परिसर के पास काम करने और वर्दी स्टोर के माध्यम से आरोपी आनंदराज सैन्यकर्मियों के संपर्क में था। इस कारण सेना के संबंध में सूचनाएं रखता था. खुफिया विभाग की जयपुर की टीम द्वारा आनंदराज की गतिविधियों पर गहन निगरानी रखी गई तो पाया कि वह सेना की सामरिक महत्व की सूचना एकत्रित कर सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान गुप्तचर एजेंसी की तीन महिला आकाओं को भेज रहा था।

जानकारी के बदले पैसे की मांग…

अग्रवाल ने बताया कि आनंदराज पिछले कुछ समय से वर्दी स्टोर का काम छोड़कर बहरोड़ क्षेत्र में एक फैक्टरी में काम कर रहा था.इस दौरान भी वह पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी की महिला आकाओं के लगातार संपर्क में रहा तथा अपने स्रोतों से सेना की महत्वपूर्ण एवं गोपनीय जानकारी प्राप्त कर महिला पाक एजेंट को साझा कर रहा था। गोपनीय सूचनाएं पाक गुप्तचर एजेंसी को भेजने की एवज में उसने धनराशि की मांग भी की।

मोह पाश में फंसाती हैं महिला गुप्तचर…

पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी सैन्य कर्मियों के साथ-साथ परिसर के आसपास काम करने वाले आम नागरिकों को भी निशाना बनाकर सेना के संबंध में गोपनीय जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करती रहती है। इसके लिए मुख्य रूप से महिला आकाओं द्वारा भारतीय मोबाइल नंबरों पर संचालित हो रहे सोशल मीडिया खाते का उपयोग किया जाता है और सैन्य कर्मियों एवं सेना की जानकारी रखने वाले व्यक्तियों को मोह पाश में फंसा कर उनसे सेना की महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की जाती है जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है।