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Myanmar-Bangladesh Conflict : म्यांमार की गोलाबारी पर बांग्लादेश के कमजोर जवाब पर उठे सवाल

Myanmar-Bangladesh Conflict: शनिवार को गोलाबारी चटगांव पहाड़ी जिले के घुमधुम इलाके में स्थित तामरू में हुई थी। जिस जगह गोले गिरे वहां से सिर्फ छह किलोमीटर की दूरी पर कॉक्स बाजार है, जहां रोहिंग्या शरणार्थियों का कैंप है। बांग्लादेश में इस समय सबसे अधिक संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी मौजूद हैं…

म्यांमार के बांग्लादेश के अंदर तक गोले दागने की घटनाओं पर म्यांमार को सख्त जवाब ना देने के कारण बांग्लादेश में प्रधानमंत्र शेख हसीना वाजेद की सरकार को लेकर नाराजगी बढ़ रही है। म्यांमार की सेना ने शनिवार सुबह दो मोर्टार बांग्लादेश की सीमा के अंदर तक दागे थे। 28 अगस्त को भी ऐसी घटना हुई थी। उसके बाद बांग्लादेश सरकार ने म्यांमार के राजदूत को बुला कर अपना विरोध जताया था। लेकिन बांग्लादेश में जनमत का एक बड़ा हिस्सा इसे मजबूत जवाब नहीं मान रहा है।

शनिवार को गोलाबारी चटगांव पहाड़ी जिले के घुमधुम इलाके में स्थित तामरू में हुई थी। जिस जगह गोले गिरे वहां से सिर्फ छह किलोमीटर की दूरी पर कॉक्स बाजार है, जहां रोहिंग्या शरणार्थियों का कैंप है। बांग्लादेश में इस समय सबसे अधिक संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी मौजूद हैं। बांग्लादेश सरकार अब इन शरणार्थियों को वापस भेजने की कोशिश में जुटी हुई है।

शनिवार की घटना के बाद बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल फयजुर रहमान ने म्यांमार की इस कार्रवाई को आपत्तिजनक बताया। उन्होंने कहा कि इस पर आधिकारिक रूप से विरोध जताया जाएगा। उन्होंने कहा- ‘म्यांमार से लगी अपनी सीमा पर हम हमेशा चौकस रहते हैं। हम इसलिए चौकस रहते हैं ताकि म्यांमार का कोई नागरिक जबरन घुसपैठ ना कर सके।’ शनिवार को दिन भर ये कयास भी तेज रहा कि म्यांमार की वायु सेना ने बांग्लादेश की वायु सीमा का उल्लंघन किया है। लेकिन इस बात का बांग्लादेश सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने खंडन किया। म्यांमार से हुई गोलाबारी की घटनाओं में अब तक किसी को चोट नहीं पहुंची है।

बांग्लादेश के एक सुरक्षा अधिकारी ने ढाका में कहा- ‘हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। ये घटनाएं चिंता की वजह हैं।’ इस बीच खबर है कि म्यांमार की सेना ने बागी संगठन अराकान आर्मी के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। अराकान आर्मी के ठिकाने उन इलाकों में हैं, जो बांग्लादेश से लगी सीमा के भी पास हैं। म्यांमार में तैनात रह चुके बांग्लादेश के पूर्व सुरक्षा अधिकारी मेजर जनरल शैदुल हक ने मीडियाकर्मियों को बताया- ‘हमें अभी सिर्फ इतनी जानकारी है कि म्यांमार की सेना ने हाल में अराकान आर्मी के खिलाफ सैनिक हमले शुरू किए हैँ। हमें यह भी मालूम है कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से अनेक लोग भारतीय राज्य मिजोरम में प्रवेश कर गए हैं।’ शैदुल हक ने कहा कि बांग्लादेश की वायु सीमा के उल्लंघन की खबरों से देश में चिंता पैदा हुई है।

इस बीच ये शिकायत गहराई है कि बांग्लादेश सरकार ने इन घटनाओं का उचित जवाब नहीं दिया है। अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एशिया सेंटर में फेलॉ अनु अनवर ने अखबार न्यू एज बांग्लादेश से कहा- ‘ये भड़काऊ कार्रवाइयां ये अंदाजा लेने की कोशिश का हिस्सा हो सकती हैं कि अगर सैनिक टकराव हुआ, तो बांग्लादेश की प्रतिक्रिया कैसी रहेगी। इसलिए बांग्लादेश को एहतियाती सैनिक जवाब भी देना चाहिए। अन्यथा बार-बार सीमा के उल्लंघन से बांग्लादेश की प्रादेशिक अखंडता पर सवाल खड़े होंगे।’