थाईलैंड की सीमा से लगे दक्षिणपूर्वी म्यांमार के कायिन राज्य के म्यावाडी क्षेत्र में इन भारतीयों को लाया गया था। ये इलाका पूरी तरह से म्यांमार सरकार के नियंत्रण में नहीं है। वहां के कुछ जातीय सशस्त्र गुटों का इस पर अधिकार है।
थाईलैंड में नौकरी के नाम पर अंतरराष्ट्रीय रैकेट के शिकार बने 60 में से 30 भारतीयों को बचाया गया है। म्यांमार में भारतीय दूतावास ने इसकी जानकारी दी। दूतावास के अधिकारियों ने बताया कि 60 भारतीय नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय गिरोह द्वारा भारतीयों को थाईलैंड में नौकरी दिलाने का झांसा देकर अवैध रूप से म्यांमार ले आया गया था। इनमें से 30 नागरिकों को बचाया गया है। वहीं 30 अन्य भातीय नागरिक वहां के म्यावाडी क्षेत्र में फंसे हुए हैं।
दूतावास के अधिकारियों ने बताया कि थाईलैंड की सीमा से लगे दक्षिणपूर्वी म्यांमार के कायिन राज्य के म्यावाडी क्षेत्र में इन भारतीयों को लाया गया था। ये इलाका पूरी तरह से म्यांमार सरकार के नियंत्रण में नहीं है। वहां के कुछ जातीय सशस्त्र गुटों का इस पर अधिकार है। अधिकारियों ने बताया कि बाकी बचे 30 भारतीय नागरिकों को वहां से निकालने की कोशिशें जारी हैं। उन्होंने बताया कि यांगून में भारतीय दूतावास उनके बचाव के लिए म्यांमार सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। व्यापारी समुदाय के बीच विभिन्न संपर्कों के माध्यम से इन भारतीय नागरिकों को बचाने की कोशिशें की जा रही हैं।
गौरतलब है कि भारत सरकार लगातार नौकरी दिलाने का झांसा देने वाले ठगों से सचेत रहने की चेतावनी देती रहती है। इसी क्रम में बीती 5 जुलाई को भारतीय मिशन ने नौकरी की पेशकश करने वाले ठगों के खिलाफ चेतावनी देते हुए एक एडवाइजरी जारी की थी।
एडवाइजरी में मिशन ने कहा था कि हाल के दिनों में देखा गया है कि म्यांमार के सुदूर पूर्वी सीमा क्षेत्रों में स्थित डिजिटल स्कैमिंग क्रिप्टो गतिविधियों में लगी कुछ एलटी कंपनियां आईटी क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के बहाने भर्ती एजेंटों के जरिए भारतीय श्रमिकों की भर्ती कर रही हैं। शुरुआती भर्ती के बाद भारतीय कामगारों को जरूरी दस्तावेज के बिना अवैध रूप से म्यांमार ले जाया जाता है, जहां वे फंस जाते हैं। चेतावनी देते हुए मिशन ने कहा कि किसी भी नौकरी के ऑफर को स्वीकार करने से पहले सभी जरूरी जानकारी जैसे नौकरी का विवरण, कंपनी का विवरण, स्थान, रोजगार अनुबंध आदि की जानकारी ले लें।
गौरतलब है कि म्यांमार के साथ भारत के रणनीतिक संबंध हैं। साथ ही नगालैंड और मणिपुर सहित कई पूर्वोत्तर राज्यों के साथ इसकी 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा छूती है।