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Maharashtra : जानें क्या है शिंदे सरकार की योजना, डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए पुलिस विभाग ने भेजा प्रस्ताव

महाराष्ट्र में अवैध प्रवासियों से निपटने के लिए सरकार डिटेंशन सेंटर खोलने की योजना बना रही है। शीर्ष अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि इस बाबत महाराष्ट्र पुलिस विभाग ने एक प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेज दिया है। इस पर विचार करके सरकार अपनी मंजूरी देगी, जिसके बाद सेंटर बनाने का काम शुरू किया जाएगा।

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार राज्य में अवैध तरीके से रह रहे विदेशी नागरिकों को लेकर सख्त रुख अपना रही है। राज्य सरकार इन अवैध प्रवासियों से निपटने के लिए महाराष्ट्र में डिटेंशन सेंटर खोलने की योजना बना रही है। शीर्ष अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि इस बाबत महाराष्ट्र पुलिस विभाग ने एक प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेजा है। अब सरकार राज्य में डिटेंशन सेंटर बना कर अवैध प्रवासियों को वहां शिफ्ट करने के पुलिस विभाग के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।

 

गौरतलब है कि राज्य में अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों में ज्यादातर अफ्रीका महाद्वीप के गरीब देशों और पड़ोसी देश बांग्लादेश के हैं। अधिकारी ने बताया कि इन विदेशियों में कई नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह और कई अन्य तरह की आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी एक बार राज्य में डिटेंशन सेंटर बनाकर अवैध रूप से रहने वाले विदेशियों को वहां शिफ्ट करने की योजना बनाई गई थी, तब नवी मुंबई में एक डिटेंशन सेंटर का प्रस्ताव बनाया गया था, लेकिन यह योजना अमल में नहीं लाई जा सकी थी। उन्होंने बताया तीन साल पहले ये विचार बना था।

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस विभाग ने अपने ताजा प्रस्ताव में जगह की भी जानकारी दी है। सरकार की अंतिम मंजूरी के बाद डिटेंशन सेंटर बनाया जाएगा। उन्होंने ये भी बताया कि सेंटर की स्थापना में विदेशी नागरिकों के मानवाधिकारों का भी ध्यान रखा जाएगा। इन सेंटरों में विदेशी नागरिकों को खाना, चिकित्सा आदि प्राथमिक और बुनियादी सेवाएं दी जाएंगी। हालांकि स्थान की जानकारी अभी नहीं दी जा सकती।

महाराष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक राज्य में बड़ी संख्या में विदेशी अवैध रूप से रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई बार विदेशी नागरिक पर्यटक, छात्र या व्यावसायिक वीजा पर मुंबई आते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य की राजधानी मुंबई में इस समय सात हजार से ज्यादा अफ्रीका महाद्वीप के नागरिक रह रहे हैं।