मध्य प्रदेश राज्य

#madhyapradesh : जीत गया ‘कमल’, डूब गए ”नाथ” : बाबा बागेश्वर की शरण लेने वाले ”कमल-नाथ” ने राहुल गाँधी को हराया!

https://www.youtube.com/watch?v=BSG1V4oVKNw

Prashant Kanojia
@KanojiaPJ
कमलनाथ: बाबा बाबा विधानसभा चुनाव कौन जीतेगा

बागेश्वर: कमल जीतेगा पूर्ण बहुमत से आशीर्वाद है!

जनता से ज्यादा बाबा के चरणों में पड़े रहने से यही होता है कमल-फमल !

@Misra_Amaresh
@misra_amaresh
@OfficeOfKNath
आपने धीरेन्द्र शास्त्री का सम्मान किया। वो #RSS का आदमी है। आपको तो पता था। करना था तो सनातन धर्म के पुरोधा बद्रीनाथ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का सम्मान करते। जनता मे क्या message गया?
@digvijaya_28
के रहते इतनी बड़ी गलती आपसे कैसे हो गयी?

शिवराज ने मोदी को हराया और कमलनाथ ने राहुल को!

Ravish Kumar Official
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मध्य प्रदेश की राजनीतिक को समझना है तो नतीजों से पहले अखबारों की हेडलाइन देखिए। चुनावी कवरेज में शिवराज सिंह की विदाई के अनेक लेख मिल जाएंगे। शिव राज सिंह चौहान की दो तरह से विदाई दिखाई जा रही थी। एक, कि उनकी सरकार से जनता नाराज़ है और दूसरा, कि केंद्रीय नेतृत्व अब उनकी विदाई चाहता है। चार बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले शिवराज सिह चौहान मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं, इसकी घोषणा नहीं की गई। मीडिया इंटरव्यू में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री का फैसला केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ते रहे हैं। उन्होंने अशोक गहलौत की तरह कभी नहीं कहा कि मुख्यमंत्री का पद उन्हें नहीं छोड़ता है या वही मुख्यमंत्री हैं। इस हालात में शिवराज सिंह चौहान ने वापसी की है। बीस साल की सत्ता के प्रति नाराज़गी और उदासीनता को ठुकराते हुए उन्होंने अपने लिए जीत का रास्ता बना लिया है। ऐसा नहीं था कि शिवराज सिंह चौहान को मीडिया हमेशा से ही नायक बता रहा था जिस तरह से आज बता रहा है। मध्य प्रदेश के नतीजे बता रहे हैं कि लहर शिवराज सिंह चौहान के लिए चल रही थी, मीडिया किसी और के लिए लहर देख रहा था।

डिस्क्लेमर : लेखकों ने निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है