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Madhya Pradesh : कांग्रेस की सीटों पर RSS की हिंदुत्ववादी

 

Madhya Pradesh: मिशन 2023 को देखते हुए हुए हाआरएसएस ने अपने नेटवर्क को नए सिरे से पुनर्गठित कर नए प्रचारकों की नियुक्ति कर दी है। शुरुआती दौर में जिन जिलों पर फोकस किया गया है, उनमें से ज्यादातर ग्वालियर चंबल संभाग क्षेत्र के अंतर्गत हैं…

मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अब विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रदेश में बिसात बिछानी शुरू कर दी है। कांग्रेस के निकाय चुनाव में प्रदर्शन को देखते हुए संघ ने इस बार हार्ड हिंदुत्ववादी और सेवा संगठनों की मोर्चे पर तैनाती की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें खासतौर पर कांग्रेस के प्रभाव वाली सीटों पर फोकस किया जा रहा है। इन क्षेत्र में आरएसएस के प्रचारकों और विस्तारकों की टोलियों को भेजे जाने की प्लानिंग है। संघ के लोग भाजपा के पक्ष में माहौल तैयार करेंगे और क्षेत्र में पार्टी की मौजूदा स्थिति का फीडबैक भी देंगे। इसके अलावा जिस जिलों में नेताओं में आपसी गुटबाजी ज्यादा है या जो लोग बगावत करने के मूड में है उन्हें साधने की कोशिश करेंगे।

मिशन 2023 को देखते हुए हुए हाल ही में आरएसएस ने अपने नेटवर्क को नए सिरे से पुनर्गठित कर लहार को मध्यभारत प्रांत में आरएसएस का नया जिला बनाकर जिला प्रचारक की नियुक्ति कर दी है। इसके अलावा करीब डेढ़ से दो दर्जन जिलों में प्रचारकों के बीच नए सिरे से कामकाज का विभाजन भी कर दिया है। शुरुआती दौर में जिन जिलों पर फोकस किया गया है, उनमें से ज्यादातर ग्वालियर चंबल संभाग क्षेत्र के अंतर्गत हैं। पिछले चुनावों में कांग्रेस ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया था। इन जिलों में संघ ने नए सिरे से प्रचारकों की जमावट की है।

इन क्षेत्रों में संघ का रहेगा विशेष ध्यान

2023 के चुनाव में भाजपा एक बार फिर से कट्टर हिंदुत्व कार्ड खेलने की तैयारी में है। कोविड काल में संघ के सेवा संगठनों ने गांव-गांव जाकर लोगों को राशन और मेडिसिन की सुविधाएं उपलब्ध करवाई है। इसके बाद से ही समाज में उनकी सकारात्मक छवि बनी है। 2018 में भाजपा को कुछ क्षेत्रों में सीटों का नुकसान हुआ था। इसी को ध्यान में रखते हुए संघ ने कमजोर सीटों पर पकड़ बनाना शुरू कर दी है। मिशन 2023 में संघ जिस क्षेत्रों पर फोकस करने का प्लान बना रहा है, इसमें मुरैना, ग्वालियर, विदिशा, गुना, राजगढ़, नर्मदापुर, श्योपुर, लहर, भिंड, पिपरिया, डबरा, भोजपुर, गंजबसौदा, दमोह, बैतूल,सीहोर, रायसेन, शिवपुरी, और राघौगढ़ जैसे जिले शामिल है। इसके बाद अगले चरण में आदिवासी क्षेत्रों के जिलों की रणनीति तैयार की जाएगी।

ये संगठन रहेंगे मोर्चे पर तैनात

संघ ने अपने कट्टर हिंदुत्ववादी बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद् और सेवा कार्यों में लगे आनुषांगिक संगठनों को फ्रंट मोर्चे पर रहने का संकेत दिया है। संघ की गतिविधियां बढ़ाने के साथ साथ नई शांखाओं को भी शुरू किया जाएगा। इसके लिए संघ के प्रांत प्रचारक, प्रांतीय सेवा प्रमुख, ग्राम विकास, कुटुंब संयोजक, धर्म जागरण संयोजक, प्रवासी समाज कार्य, सेवा भारती, समरसता, गो सेवा प्रमुख, पर्यावरण गतिविधि प्रमुख के अलावा शालेय कार्य प्रमुखों के प्रवास कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं। संघ के इन सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों को इन क्षेत्रों में घूम-घूम कर कामकाज को विस्तार देने की भूमिका तय की गई है।