2020 के जनवरी महिने में चीन की सेना ने भारत के लद्दाख में घुसपैठ की थी, जब ये खबर आम हो गयी तब भारत के प्रधानमंत्री मीडिया में आये और बोले ”न कोई आया है, न घुसा है”, उसके बाद दोनों देशों की सेनाओं में खुनी टकराव हुआ और चीन के सैनिकों ने भारत के करीब 20 सैनिकों की हत्या कर दी थी, तब से अभी तक लद्दाख की सीमा पर तनाव बरक़रार है, जानकारी के मुताबिक चीन ने भारत की 2000 स्क्वायर किलोमीटर ज़मीन पर कब्ज़ कर लिया है, प्रधानमंत्री इस मामले पर एक शब्द बोलने को तैयार नहीं हैं, सेना की तरफ से चीन की सेना से समय-समय पर इस मुद्दे को लेकर बैठक होती रहती है
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनावग्रस्त मुद्दों के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच मंगलवार को लद्दाख के संवेदनशील दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में मेजर जनरल स्तर की बैठक हुई। दोनों पक्षों के पूर्वी लद्दाख सेक्टर में कोर कमांडर वार्ता के 18वें दौर के आयोजन के कुछ सप्ताह बाद यह बैठक हुई है।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक बैठक में दोनों पक्षों ने एलएसी पर चल रहे गतिरोध को हल करने के तरीकों पर चर्चा की और यह नियमित बैठक थी। दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में लंबे समय से दोनों पक्षों के बीच तनाव है और तीन साल के गतिरोध और कई दौर की बातचीत के बाद भी यहां उनके बीच के मुद्दे सुलझे नहीं हैं।
Minhaz Merchant
@MinhazMerchant
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Feb 10
Today is the 2nd anniversary of Indian troops vacating the Kailash Ridge. It was a folly that handed #China a tactical advantage in the #Ladakh standoff. Major-General Ashok Mehta explains. Must read
Pics Show #China Had Large Base, Fighting Positions At #Ladakh Standoff Point https://t.co/4if717h8t7
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— NDTV (@ndtv) September 17, 2022