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माओ त्से-तुंग की एक कविता
Kavita Krishnapallavi ================ जन्मदिन ( 26 दिसंबर ) के अवसर पर माओ त्से-तुंग की एक कविता चिङकाङशान पर फिर से चढ़ते हुए (मई 1965) बहुत दिनों से आकांक्षा रही है बादलों को छूने की और आज फिर से चढ़ रहा हूं चिङकाङशान पर। फिर से अपने उसी पुराने ठिकाने को देखने की गरज से आता […]
”एक पत्रकार का कैरियर और स्टैंड, दोनों एक साथ नहीं हो सकते”
एक बार एक साधारण व्यक्ति ने खुश होकर एक पत्रकार महोदय को नई साइकिल भेंट कर दी , पर उसमें कैरियर नहीं था। पत्रकार महोदय बहुत खुश हुए और कैरियर लगवाने एक दुकान पर चले गए । पत्रकार महोदय ने दुकानदार से बड़े तेवर में कहा कि ” मैं एक बड़ा पत्रकार हूँ इसलिए मुनासिब […]
प्रेरणादायक….उस दिन, मैंने अपनी पढ़ाई को अलविदा कह दिया…और फिर,,,By – संजय परमानंदनी
Sanjay Parmanandani · ================ · प्रेरणादायक…. मैं 8वीं कक्षा में थी जब मुझसे कहा गया, तुम पढ़ कर क्या करोगी? तुम्हारे भाइयों की शिक्षा अधिक महत्वपूर्ण है। उस दिन, मैंने अपनी पढ़ाई को अलविदा कह दिया। और फिर 22 साल की उम्र में मेरी शादी हो गई। मेरे पति एक अच्छे इंसान थे, लेकिन अपने […]