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टोरंटो में खालिस्तानियों से भिड़े भारतीय, दिया मुंहतोड़ जवाब

असगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद ‘किल इंडिया’ रैली का आयोजन किया था. लेकिन भारतवंशियों ने तिरंगा लहराकर उनकी बोलती बंद कर दी. खालिस्तान समर्थकों ने भारतीयों पर हमले का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने दो लोगों को धर दबोचा.

Pro Khalistan Rally : खालिस्तान समर्थकों ने 8 जुलाई (शनिवार) को कनाडा के टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान हिंसा भड़काने का प्रयास कर रहे दो खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 250 खालिस्तानी समर्थक टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने एकत्र हुए थे.

गौरतलब है कि अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद ‘किल इंडिया’ रैली आयोजित का आयोजन किया था, जो पूरी तरह से विफल हो गया. 8 जुलाई को हुए इस प्रोटेस्ट को लेकर खालिस्तानी समर्थक सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव थे. भारत के खिलाफ ऑनलाइन धमकियां दे रहे थे.

भारतीय समुदाय के लोगों ने दिया मुंहतोड़ जवाब

इन सब के बीच खालिस्तानी समर्थकों का प्लान फ्लॉप इसलिए भी हो गया क्योंकि यहां भारतीय समुदाय के लोगों ने इनको मुंहतोड़ जवाब दिया. भारतवंशियों ने तिरंगा लहराकर उनकी बोलती बंद कर दी. हालांकि प्रदर्शनकारियों की तरफ से भारतीय समुदाय के साथ दुर्व्यवहार करने का प्रयास जरूर हुआ लेकिन टोरंटो पुलिस पहले से बेहद सतर्क थी. प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पहले से बैरिकेड्स लगाए गए थे. यातायात को अवरुद्ध किया गया था.

दो लोगों को पुलिस ने लिया हिरासत में

प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानी समर्थक समूह ने भारतीय समर्थक दल पर हमला करने का प्रयास किया. लेकिन पुलिस ने उन्हें पीछे धकेल दिया और हिंसा भड़का रहे एक व्यक्ति को पुलिस अपने साथ ले गई. इसी दौरान एक युवक ने पुलिस पर हमला करने का प्रयास किया, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया .इस तरह प्रदर्शन के दौरान दो लोगों को गिरफ्तार किया गया . हालांकि कुछ देर बाद दोनों को बाद में बिना किसी आरोप के रिहा कर दिया गया.

गौरतलब है कि 18 जून को कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसके मौत के बाद खालिस्तानी समर्थकों ने इस प्रदर्शन का आयोजन किया था. हरदीप सिंह निज्जर गुरु नानक सिख गुरुद्वारे का अध्यक्ष था और कनाडा में चरमपंथी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का प्रमुख चेहरा था.