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Indian Railways : पटरी पर लौट रही भारतीय रेलवे, देखे छह माह में तत्काल से कितने कमाए?

कोरोना काल के बाद भारतीय रेलवे फिर से पटरी पर आती हुई नजर आ रही है। रेलवे ने तत्काल प्रीमियम से पिछले छह माह में 577 करोड़ रुपये की कमाई की है। कोरोना से पहले इस मद से रेलवे को तीन गुना कमाई हुई थी। पिछले छह माह के आंकड़ों को देखकर यह लगभग तय है कि तत्काल प्रीमियम से इस वर्ष कमाई रेलवे को कुल कमाई 1000 करोड़ रुपये से अधिक होने कीउम्मीद है।
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संसद में रेलवे मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार, रेलवे की प्रीमियम तत्काल से कोरोना से पहले यानी वर्ष 2019-20 में 1660 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। वहीं कोरोना की पहली लहर के दौरान 355 करोड़ रुपये और 2021-22 में 726 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। इस वर्ष जून तक 577 करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है।

दरअसल, रेलवे द्वारा कुछ कुछ चुनिंदा ट्रेनों की पहचान की गई है, जिनकी मांग अधिक है। इन ट्रेनों में तत्काल कोटे के तहत मौजूदा सीटों को 50 फीसदी प्रीमियम तत्काल कोटा के रूप में निर्धारित किया गया है और इसे परिवर्तनशील मूल्य पर बुक किया जा रहा है। यानी जैसे-जैसे सीटें कम होती जाएंगी, किराया बढ़ता जाएगा। यह एक स्लैब आधारित किराया योजना है, जहां 10 फीसदी सीटों के प्रत्येक स्लैब के बाद किराया 20 फीसदी बढ़ जाता है और यह अधिकतम तत्काल किराया का तीन गुना हो सकता है। यह व्यवस्था रेलवे ने अक्तूबर 2014 से लागू की है।

तत्काल कोटे की तरह प्रीमियम तत्काल कोटा अग्रिम आरक्षण अवधि से केवल एक या दो दिन पूर्व बुक किया जाता है। इसलिए प्रीमियम तत्काल कोटे के तहत बुक किए गए कन्फर्म टिकट के लिए किराये का कोई रिफंड नहीं दिया जाता है। बहरहाल गाड़ियों के रद्द होने, आंशिक रूप से कन्फर्म सीट वाले आरक्षण आदि के मामले में नियमानुसार रिफंड प्रदान किया जाता है।

कोरोना काल के बाद भारतीय रेलवे फिर से पटरी पर आती हुई नजर आ रही है। रेलवे ने तत्काल प्रीमियम से पिछले छह माह में 577 करोड़ रुपये की कमाई की है। कोरोना से पहले इस मद से रेलवे को तीन गुना कमाई हुई थी। पिछले छह माह के आंकड़ों को देखकर यह लगभग तय है कि तत्काल प्रीमियम से इस वर्ष कमाई रेलवे को कुल कमाई 1000 करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है।

 

संसद में रेलवे मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार, रेलवे की प्रीमियम तत्काल से कोरोना से पहले यानी वर्ष 2019-20 में 1660 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। वहीं कोरोना की पहली लहर के दौरान 355 करोड़ रुपये और 2021-22 में 726 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। इस वर्ष जून तक 577 करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है।

दरअसल, रेलवे द्वारा कुछ कुछ चुनिंदा ट्रेनों की पहचान की गई है, जिनकी मांग अधिक है। इन ट्रेनों में तत्काल कोटे के तहत मौजूदा सीटों को 50 फीसदी प्रीमियम तत्काल कोटा के रूप में निर्धारित किया गया है और इसे परिवर्तनशील मूल्य पर बुक किया जा रहा है। यानी जैसे-जैसे सीटें कम होती जाएंगी, किराया बढ़ता जाएगा। यह एक स्लैब आधारित किराया योजना है, जहां 10 फीसदी सीटों के प्रत्येक स्लैब के बाद किराया 20 फीसदी बढ़ जाता है और यह अधिकतम तत्काल किराया का तीन गुना हो सकता है। यह व्यवस्था रेलवे ने अक्तूबर 2014 से लागू की है।

तत्काल कोटे की तरह प्रीमियम तत्काल कोटा अग्रिम आरक्षण अवधि से केवल एक या दो दिन पूर्व बुक किया जाता है। इसलिए प्रीमियम तत्काल कोटे के तहत बुक किए गए कन्फर्म टिकट के लिए किराये का कोई रिफंड नहीं दिया जाता है। बहरहाल गाड़ियों के रद्द होने, आंशिक रूप से कन्फर्म सीट वाले आरक्षण आदि के मामले में नियमानुसार रिफंड प्रदान किया जाता है।